कोतमा में अमावस को लगा ग्रहण,किस्मत बार बार साथ नही देती 
अनूपपुर - कहते है न विनास काले विपरीत बुद्धि,कुछ यही हाल पिछले पांच सालों तक कोतमा विधायक सुनील सराफ का रहा और किस्मत से विधायक बने थे उसका अहसास उन्हें पूरे पांच साल नही था नतीज़तन पूरे पांच साल कोतमा विधायक सुनील सराफ महज छिछोरी पंथी करते रहे और कोतमा विधानसभा के कांग्रेसियों को लगातार प्रताड़ित करते रहे जिसके चलते कोतमा के जमीनी कांग्रेसी नेता पार्टी के विरुद्ध कार्य करने को मजबूर होते गए और मतदान के आखरी वक्त से पहले आठ बड़े नेताओं का निष्कासन और लगातर सुनील सराफ के द्वारा किये गए पांच साल के कृत्यों ने आज अमावस को ग्रहण लग गया और सुनील सराफ की राजनीति जमीदोज होने में वक्त नही लगेगा,कोतमा विधानसभा में भाजपा के प्रत्याशी दिलीप जायसवाल ने 22941 मतो से चुनाव हरा कर अमावस को ग्रहण लगा दिया,सुनील सराफ लगातार पूरे पांच साल तक बत्तमीजी करते रहे चाहे मामला छेड़छाड़ का रहा हो ,चाहे कट्टा फायरिंग  का या फिर गांधी चौक में जबरजस्ती सत्ता के मद में चूर हो कर तिरंगा फहराने का मामला हो या फिर लगातार कांग्रेसी कार्यकर्ताओं को प्रताड़ित करने का हो पूरे पांच साल  विवादित रहे और आखिर कर उनकी इस गंदी राजनीति में आज ग्रहण लग गया ,समय बड़ा बलवान होता है जब कोई अपने आप को समय से बड़ा बलवान समझने लगता है तो उसका हश्र ऐसा होना लाजमी हो जाता है

कोतमा नगर के कांग्रेस के नेताओं ने जिस तरह का आचरण विधायक का था उसके बाद अक्सर अमावस कहते दिखाई देते रहे और उन नेताओं को आज के दिन का इंतज़ार बेसब्री से था और आखिरकार आज अमावस को ग्रहण लग ही गया