जिला जेल में निरूद्ध किये गये कैदी के मौत की होगी मजिस्टेªटियल जांच
सीजेएम की उपस्थिति में बना पंचनामा, आष्वासन के बाद परिजनों ने अंतिम संस्कार हेतु लिया शव

 


इन्ट्रो-मंगलवार की देर शाम जिला जेल में चेक बाउंस के मामले में कोतवाली अनूपपुर पुलिस द्वारा निरूद्ध किये गये आरोपी सुभाष सिंह टेकाम की जिला अस्पताल में उपचार के दौरान मौत हो गयी थी, जबकि परिजन माननीय न्यायालय से जमानत की अर्जी लेकर जिला जेल उसे रिहा कराने के लिये पहंुचे थे तब उन्हें आरोपी के जिला अस्पताल में उपचार होने की सूचना मिली। और जब वह अस्पताल पहंुचे तब उन्हें उसके मौत की खबर मिली, जिसके बाद वह जांच की मांग को लेकर अडे रहे। बुधवार सीजेएम की उपस्थिति शव का पंचनामा हुआ और वीडियो ग्राफी के बीच चिकित्सको द्वारा शव का परीक्षण किया गया। मजिस्टेªटियल जांच का आष्वासन परिजनों को प्रषासन की ओर से दिया गया जिसके बाद परिजनों ने मृतक का शव अंतिम संस्कार हेतु लिया।
अनूपपुर। थानांतर्गत राजेन्द्रग्राम के ग्राम राखीताल से कोतवाली अनूपपुर पुलिस ने चेक बाउंस के मामले में धारा 138 के तहत फरार चल रहे आरोपी सुभाष सिंह टेकाम पिता रैकू सिंह उम्र 38 वर्ष को गिरफ्तार कर सोमवार 20 मार्च को न्यायालय में पेष किया गया जहां से आरोपी को जिला जेल भेज दिया गया। मंगलवार 21 मार्च को जिला सत्र न्यायालय में परिजनो ने पहंुचकर जमानत याचिका लगाई जिसकी सुनवाई करते हुये माननीय न्यायालय ने जमानत स्वीकार की जब जमानत अर्जी लेकर जिला जेल जब परिजन सुभाष टेकाम को छुडाने पहंुचे तो बताया गया कि बीमार होने पर उसे जिला अस्पताल उपचार हेतु ले जाया गया है और जब वह जिला अस्पताल पहंुचते तो सुभाष टेकाम का शव देखकर उनके होस उड गये जिसके बाद जांच की मांग पर अडे परिजनों ने शव लेने से इंकार कर दिया। बुधवार की सुबह से ही अस्पताल में लोगो की भीड इकट्ठा हो गयी और मजिस्टेªटियल जांच की मांग की गई। जिसके बाद सीजेएम की उपस्थिति में वीडियो ग्राफी व पंचनामा के बाद शव का पोस्टमार्टम कराया गया और प्रषासन द्वारा परिजनों को मजिस्ट्रेटियल जांच का आष्वासन दिया गया। दोपहर बाद परिजनों ने अंतिम संस्कार के लिये मृतक का शव लिया।
बंद था अस्पताल का सीसीटीवी
जिला अस्पताल अनूपपुर में विभिन्न स्थानों में लगे सीसीटीवी कैमरे बीते एक माह से बंद थे इसका खुलासा तब हुआ जब मृतक के परिजनों ने सीसीटीवी फुटेज की मांग की और इसकी जानकारी किसी और ने नही बल्कि जिला अस्पताल के अधीक्षक के द्वारा दी गई। जिस पर एसडीएम के द्वारा अस्पताल अधीक्षक को फटकार लगाई गई। गौरतलब है कि अस्पताल अधीक्षक कितनी जिम्मेदारी से अपना कार्य कर रहे हैं इसकी वानगी भी इस घटना से सामने आई। क्योंकि जिला अस्पताल के सीसीटीवी हर समय काम आते है उसके बाद भी एक माह से वह बंद पडे हैं, जो लापरवाह अधीक्षक की जिम्मेदारी को खुद बयां कर रहे है।
जिला जेल के देखे गये सीसीटीवी फुटेज
मृतक के परिजनों का आरोप था कि जिला जेल से उसे मृत अवस्था में जिला अस्पताल लाया गया जब प्रषासन के द्वारा जिला जेल के सीसीटीवी फुटेज मंगाये गये और परिजनों को दिखाया गया जिसमें कि आरोपी खुद पैदल चलकर जेल के बाहर आता है और वाहन में बैठकर जिला अस्पताल पहंुचता है। इस पूरे घटना के संबंध में चिकित्सको की एक टीम ने जांच की और बताया कि आरोपी की मौत दिल का दौरा पडने से हुई है उसे अन्य किसी प्रकार की बीमारी नही थी। बहरहाल इस पूरे घटना की जांच अब नये सिरे से परिजनों की मांग के बाद कराने का आष्वासन प्रषासन ने दिया है।
कांग्रेस व गोंगपा ने उठाये सवाल
विधानसभा पुष्पराजगढ क्षेत्र से मामला जुडा होने के कारण घटना की जानकारी लगने के बाद विधायक फंुदेलाल सिंह व गोडवाना गणतंत्र पार्टी के जिलाध्यक्ष रहे ललन सिंह परस्ते जिला अस्पताल पहंुचे और उनके द्वारा मजिस्टेªटियल जांच की मांग की गई। वहीं उन्होंने पुलिस पर मनमानी के भी आरोप लगाये। प्रषासन ने मामला बढता देख तत्काल मजिस्ट्रेटियल जांच के आदेष दिये उसके बाद चिकित्सको की टीम गठित हुई और खुद सीजेएम की उपस्थिति में शव का परीक्षण किया गया जिसके बाद मामला शांत हुआ। हलांकि इस घटना ने कई सवाल खडे किये है जो जांच के बाद स्पष्ट होंगे।