खनिज विभाग के त्रिदेवियों का रणचंडी अवतार देखकर कांपने लगे रेत माफिया! फिलहाल मंत्री की चर्चा
अवैध खनन में आ रहा जायसवाल मंत्री का नाम इस पार के या उस पार के पता नहीं
इन्ट्रो-कहां जाता है कि जब तक कानून अपनी पर नहीं उतरता तब तक गधा भी अपने आप को शेर समझने लगता है लेकिन जैसे ही कानून का डंडा लेकर कोई सरकारी मुलाजिम तन कर खड़ा हो जाता है तो बड़े-बड़े माफियाओं को भी पसीना छूटने लगता है भले ही उसके ऊपर किसी मंत्री या संत्री का हाथ हो या किसी बहुत बड़े बाहुबली का। यहां पर यह चर्चा तब छिडी जब शनिवार की देर रात खनिज विभाग अनूपपुर से जुड़ी हुई जिला खनिज अधिकारी आशा लता वैध, माइनिंग इंस्पेक्टर कोतमा ईशा वर्मा और माइनिंग इंस्पेक्टर पुष्पराजगढ़ शाकुन्तला खाका ने कई दिनों से लगातार चली आ रही मझौली में अवैध खनन की शिकायत को दूर करने के लिए इस अवैध खनन स्थल पर पहुंच गई।
(राम भैय्या)
अनूपपुर। 
खनिज विभाग की टीम अवैध खनन स्थल पर पहुंचती उसके पहले ही कोतमा से इस टीम की रेकी कर रहे माफियाओं के कारिंदों ने इसकी जानकारी अपने आकाओं तक पहुंचा दी खनिज विभाग के टीम के पहुंचने के पहले ही अवैध खनन स्थल से माफियाओं की पूरी टीम गधे की सिंग की तरह गायब हो गई। आए दिन अवैध खनन की मीडिया में छप रही रिपोर्ट और आए दिन अधिकारियों द्वारा लगाई जा रही फटकार से आहत माइनिंग विभाग की टीम ने शायद इस बात का फैसला कर लिया था कि आज आर पार की लड़ाई लड़ हीं ली जाए जो होगा वह फिर देखा जाएगा। यही सोच कर खनिज विभाग की टीम ने छत्तीसगढ़ की टीपी और भंडारण के दम पर मझौली में अवैध खनन करने वाले माफियाओं को सबक सिखाने के लिए भंडारण स्थल पर पहुंच गई। उसके बाद तो खनिज विभाग की इन तीन देवियों का रणचंडी अवतार देखकर वहां पर मौजूद माफियाओं को महिसासुर वध की कहानी याद आने लगी जिसको जिधर जगह मिल रही थी उधर से वह भाग निकला। अवैध खनन की कई बार शिकायत में जिस जेसीबी का जिक्र गाहें बगाहें होता रहा है वह जेसीबी भंडारण स्थल पर मौजूद थी खनिज विभाग के अधिकारियों ने जेसीबी को जप्त करने की कवायद शुरू की तो मंत्री जायसवाल की जेसीबी है इस बात की आवाज उठने लगी लेकिन यह समझ में नहीं आ रहा था कि इस पार के मंत्री जायसवाल की बात हो रही है या उस पार के मंत्री जायसवाल की भंडारण स्थल के दोनों पार छत्तीसगढ़ में भी जायसवाल मंत्री है और मध्य प्रदेश में भी जायसवाल मंत्री है ऐसे में भले ही यह स्पष्ट नहीं हो पाया कि इस भंडारण में किस जायसवाल मंत्री का 20 प्रतिषत शेयर है लेकिन मंत्री के नाम के आने के बावजूद जिस तरह से खनिज विभाग ने छत्तीसगढ़ की सीमा में घुसकर रेत माफियाओं को खुला चैलेंज दे डाला उससे तो मोदी की पाकिस्तान पर की गई एयर स्ट्राइक की याद आ रही थी और लोग कह भी रहे थे यह होता है कानूनी शिकंजा अगर अधिकारी अपनी पर आ जाएं तो क्या मध्य प्रदेश की सीमा क्या छत्तीसगढ़ की सीमा कहीं पर भी दमदारी के साथ खड़े होकर अवैध काम करने वालों को नाको चना चबवा सकते हैं।
पहली बार नजर आई खनिज विभाग की दहसत
खनिज विभाग के देवियों की दहसत का ही परिणाम था कि रविवार के दिन भर छत्तीसगढ़ के भंडारण से मध्य प्रदेश की तरफ कोई भी रेत का वाहन नहीं आया और इस भंडारण के सभी माफिया मंत्री जायसवाल के दरबार में हाजिरी लगाते देखे गए। फिलहाल इस क्षेत्र में अनूपपुर खनिज विभाग के त्रिदेवियों का रणचंडी अवतार दिन भर चर्चा का विषय बना रहा और लोग कहते नहीं थक रहे थे शाबास आशा शाबास ईशा लेकिन अब यह देखना है कि खनिज विभाग अनूपपुर के अधिकारी अपने इस स्टैंड को पत्थर के अवैध उत्खनन व नियम विरूद्ध संचालित क्रेषरों पर न दिखाई पड़ना इनको सवलों के कटघरे में खड़ा किए हुए है। बहरहाल खनिज विभाग कब तक अपपे स्टैंन्ड पर कायम रह सकते हैं क्योंकि सामने सवाल मंत्री जायसवाल के 20 प्रतिषत शेयर का भी है फिलहाल मंत्री जी चुनाव में अपने बड़-बोलेपन में कई जगह इस बात का वादा कर चुके थे कि वह पिछली गलतियों से सीख लेकर अपने भाइयों पर कंट्रोल करके रखेंगे लेकिन जिस तरह से मंत्री के भाई भतीजे का नाम इस अवैध खनन और छत्तीसगढ़ के भंडारण से जुड़ा हुआ है उसको देखकर तो यही लगता है कि खाने के दांत कुछ और दिखाने के दांत कुछ और।