भोपाल ।  प्रदेश के हर विकासखंड में एक पशु चिकित्सा एंबुलेंस चलेगी। इसमें डाक्टर और पैरामेडिकल स्टाफ मौजूद रहेगा। एकीकृत काल सेंटर में टोल-फ्री नंबर 1962 पर फोन कर एंबुलेंस बुलाई जा सकेगी। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान शु्क्रवार को राजधानी भोपाल के लाल परेड मैदान से गोरक्षा संकल्‍प सम्‍मेलन में इन एंबुलेंस को हरी झंडी दिखाकर रवाना करेंगे। इस अवसर प्रदेश की गो-नीति की भी वह घोषणा करेंगे। दोपहर करीब साढ़े 11 बजे सीएम शिवराज इस सम्‍मेलन में पहुंचे और कार्यक्रम का शुभारंभ किया। मुख्यमंत्री ने भाजपा प्रदेशाध्‍यक्ष विष्णु दत्त शर्मा के साथ मिलकर गाय का पूजन किया। गुलाब की पंखुड़ियों से मुख्यमंत्री ने गो पालकों का स्वागत किया।

इस कार्यक्रम की अध्यक्षता प्रदेश शासन के पशुपालन एवं डेयरी मंत्री प्रेमसिंह पटेल कर रहे हैं और गोसंवर्धन बोर्ड कार्यपरिषद के अध्यक्ष स्वामी अखिलेश्वरानंद गिरि विशिष्ट अतिथि के रूप में उपस्‍थित हैं। इस सम्‍मेलन में शासकीय विभागों के प्रतिनिधि, स्वैच्छिक संगठन, पर्यावरण एवं जैविक, प्राकृतिक कृषि क्षेत्र में कार्य करने वाले प्रबुद्ध वर्ग, गोशाला संचालक, स्व-सहायता समूह, गोसंरक्षण में लगे सामाजिक कार्यकर्ता शामिल हैं। कार्यक्रम के दौरान सीएम शिवराज ने अपने संबोधन में कहा कि पशु एंबुलेंस लाने की कोई आलोचना करता है, तो बताना चाहता हूं हमारे धर्म में सभी देवी-देवताओं के वाहन पशु के रूप में हैं। मैं रोज सबेरे सबसे पहले गाय को रोटी खिलाकर नाश्ता करता हूं। एक सरकार थी जिसने गोसेवकों पर गोली चलवाई थी। एंबुलेंस में सभी सुविधाएं हैं। 1962 टोलफ्री नंबर है। जिस पर काल करने पर एंबुलेंस पहुंच जाएगी। हमने अपने संकल्प पत्र में यह वादा किया था। अन्य पशुओं का भी इलाज करेंगे। अस्पताल बीमार या घायल गोमाता के पास पहुंच जाएगी। एक ब्लॉक में एक एंबुलेंस रहेगी। मदद के लिए केंद्र सरकार का भी हृदय से आभारी हूं। इस अवसर पर गोसंवर्धन बोर्ड के अध्यक्ष अखिलेश्वरानंद महाराज ने कहा कि 67 एकड़ भूमि वन विभाग के पास है। जिसमें गोवंश विहार विकसित करें। सभी गोशाला का बिजली बिल एक हजार रुपये से कम किया जाए। गोशालाओं के उत्पाद सरकार खरीदे। सांसद वीडी शर्मा ने कहा कि सरकार ने गो संवर्धन की दिशा में लगातार काम किया है। ये एंबुलेंस एक काल पर घर पहुंचेगी। देश में ऐसा करने वाला मप्र पहला राज्य है।

गाय की सेवा लाड़ली बहन की सेवा - पी मुरलीधर राव

भाजपा के प्रदेश प्रभारी और चिंतक पी मुरलीधर राव ने कहा कि ये गोसेवक और गोरक्षकों का कार्यक्रम है। गोरक्षक का मतलब मुस्लिमों का विरोध माना जाता है पर ऐसा नहीं है। आजादी का मतलब धार्मिक और सांस्कृतिक क्षेत्र का सम्मान करना है। गाय की सेवा लाड़ली बहना की सेवा। इससे महिला रोजगार जुड़ा है। महिलाओं की आमदनी बढ़ाने का माध्यम है ये। स्वामी अखिलेश्वरानंद ने बताया कि पशु चिकित्सा एंबुलेंस केंद्र व राज्य शासन की संयुक्त योजना है। इनके संचालन में प्रतिवर्ष लगभग 77 करोड़ रुपये व्यय होंगे। इसमें केंद्र और राज्य का क्रमश: 60 और 40 प्रतिशत खर्च करेंगे। एंबुलेंस में पशु उपचार, शल्य चिकित्सा, कृत्रिम गर्भाधान, रोग परीक्षण की सुविधा रहेगी। काल सेंटर के टोल फ्री नंबर 1962 पर फोन करके पशुपालक अपने घर पर ही पशु चिकित्सा का लाभ उठा सकेंगे। एंबुलेंस में एक पशु चिकित्सक, पैरावेट और सहायक सह-चालक रहेंगे। एंबुलेस राज्यस्तरीय काल सेंटर से जुड़ी रहेंगी। एंबुलेंस की मानिटरिंग जीपीएस के जरिए की जाएगी। गौरतलब है कि गोवंश संरक्षण राज्य शासन की प्राथमिकता में शामिल है। गोवंश संरक्षण और रक्षा के लिए कड़े कानून लागू करने वाले अग्रणी राज्यों में मध्यप्रदेश भी शुमार है। गौवंश वध प्रतिषेध अधिनियम में गाय का वध करने पर सात साल की सजा का प्रविधान है। प्रदेश में 1762 गोशालाओं में 2 लाख 87 हजार गोवंश का पालन हो रहा है। वर्ष 2022-23 में इनके चारे के लिए 202 करोड़ 34 लाख का अनुदान वितरित किया गया।