जम कर हुई बर्फ की बारिश, वाहन फिसलकर हुआ बेकाबू, बेमौसम बरसात से किसानों को नुकसान

*बारिश और ओलावृष्टि से फसल हो रही बर्बाद अमरकंटक में शिमला जैसा नजारा*

अनूपपुर/अमरकंटक | मां नर्मदा जी की उद्गम स्थली / पवित्र नगरी अमरकंटक में अचानक घोर काले बदरा आसमान में छा गए और गरज के साथ जमकर ओले बरसने लगे । देखते ही देखते अमरकंटक के अलावा आस पास का क्षेत्र मानो जमीन पर सफेद चादर बिछा दी गई है । इस ओले रूपी सफेद चादर जब रोड़ों में बिछी और उस पर वाहनो का आवागमन जारी रहा । रोड़ों में जमी बर्फ की वजह से फिसलन जैसे खतरा भी बढ़ गया । जिससे दुर्घटना होने का खतरा पैदा हो गया । इसी बीच एक बुलेरो वाहन गुजर रहा था और अचानक वह फिसल कर रोड़ के बाहर पहुंच पेड़ से टकरा गया जिससे उसमे सवार ड्राइवर व अन्य साथी को काफी चोटें आई । अमरकंटक से लगभग सात किलोमीटर दूर शहडोल रोड़ पर की घटना बताई गई जिन्हे उपचार हेतु प्राथमिक स्वास्थ केंद्र अमरकंटक लाया गया। आज प्रकृति के इस तरह के प्रकोप के कारण किसानों की फसल भी चौपट हो गई । गेंहू , चना , राहर जैसे फसलों में काफी नुकसान होने की बात कही जा रही है । आम के बौर में भी नुकसान आया है । अमरकंटक के अलावा पुष्पराजगढ़ तहसील के अनेक ग्राम ओले गिरने से काफी प्रभावित हुए है।

फसलों को हुआ नुकसान

अनूपपुर जिले के कई ग्रामीण क्षेत्रों में ओलावृष्टि भी देखने को मिली, जिसकी वजह से किसानों की फसलों को भारी नुकसान भी हुआ है। सब्जी, गेहूं व चना-मसूर की खेती करने वाले किसानों की मुसीबत बढ़ गई है। किसानों का कहना है कि उनकी फसल बर्बाद हो गई है। जिले के अनूपपुर तहसील के 19 गांवों में ओलावृष्टि हुई हैं जहां फसलो को नुकसान नहीं हुआ हैं। पुष्पराजगढ़ तहसील के 47 गांवों में सं 10 गांवों में ओलावृष्टि का असर हुआ हैं।

*देखने को मिला शिमला का नाजारा*

पुष्पराजगढ़ तहसील के अमरकंटक सहित आसपास क्षेत्रों में बारिश के साथ ओलावृष्टि हुई। जिससे पूरी धर्मनगरी में शिमला का नाजारा देखने को मिला। सड़को पर सफेद चादर बिछ गई। में वर्षों बाद यह नराजा देखने को मिला हैं। छोटे आंवला के अकार के ओले गिरे जिससे छोटे-बड़े पौधों को भरी नुकसान हुआ हैं, सड़को पर सफेद चादर बिछ गई। 

*बारिश और ओलावृष्टि से किसान परेशान*

पुष्पराजगढ़ तहसील के गांव में जहां ओलावृष्टि का असर जमकर हुआ हैं। सब्जी के साथ और भी फसलों की खेती करने वाले किसानों बताया कि "बारिश ने बर्बाद कर दिया है। इस बार काफी सब्जियां लगाई थीं, कई एकड़ में तरबूज की खेती की थी, खीरा लगाया था. इसके अलावा टमाटर लगाया था और भी सब्जियां लगाई थीं, लेकिन जिस तरह से बारिश हुई और फिर ओलावृष्टि हुई उसने पूरी फसल बर्बाद कर दी है." किसान बताते कहते हैं कि "सब्जी की फसल में छोटे- छोटे फल लगने शुरू हो चुके थे और जिस तरह से फल लग रहे थे उन्हें इस बार बहुत उम्मीद थी की अच्छी खासी कमाई होगी, लेकिन उससे पहले ही कुदरत ने ऐसा झटका दिया कि की सारी उम्मीदें धरी की धरी रह गईं और उनकी पूरी फसल इस ओलावृष्टि से बर्बाद हो गई"।

*बारिश ने बढ़ाई मुसीबत*

कुछ किसान बताते हैं कि जिस तरह से बेमौसम बारिश का दौर शुरू हुआ है, खेत में गेहूं की फसल पक कर तैयार है। चना मसूर की फसल पक कर तैयार है कटाई का समय है लेकिन अब यह फसल बर्बादी की कगार पर पहुंच गई है। बेमौसम बरसात में उन्हें मुसीबत में डाल दिया है। किसानों ने बताया कि अब उनकी पकी पकाई गेहूं की फसल बर्बाद होने की कगार पर है, अगर बेमौसम बारिश का दौर न थमा तो और नुकसान हो जाएगा, क्योंकि हर दिन बारिश हो रही है और ओलावृष्टि की वजह से उनकी फसल भी बर्बाद हो रही है। कुछ जगहों पर जहां-जहां ओलावृष्टि हुई है वहां के किसानों का कहना है कि उनकी फसलों का तो बहुत नुकसान हुआ है। उम्मीद थी कि इस बार अच्छी पैदावार मिलेगी, लेकिन कुदरत ने उनसे वो भी छीन लिया।