जिले में कछुए की गति से हो रही है धान की खरीदी नही पहुंच रहे है खरीदी केन्द्रों में किसान 
अब तक 650 मीट्रिक टन धान की हो पाई खरीदी कैसे होगा लक्ष्य पूर्ति
इन्ट्रो- जिले में धान खरीदने का क्रम 1 दिसंबर से चल रहा है अगर यह कहा जाए की धान खरीदने की प्रक्रिया शुरू होने के एक हफ्ते बाद भी किसानों द्वारा धान केंद्रों  से बनाई गई दूरी चर्चा का विषय बनी हुई है। जहां जिले में अब तक 131 किसानों ने अपना धान क्रय किया है वहीं धान क्रैक करने वाले किसानों की संख्या 20000 के ऊपर बताई जा रही है इसको देखकर यही कहा जा सकता है कि फिलहाल यह रफ्तार बहुत कम है और इसके पीछे के जो कारण बताए जा रहे हैं वह यही है कि धान खरीदी केंद्र के जिम्मेदार विभागीय अधिकारियों ने धान क्रय केंद्रों के प्रचार प्रसार में भारी लापरवाही बरत रहे हैं।
अनूपपुर। किसानों को खुद कराना होगा स्लॉट बुक जिला आपूर्ति अधिकारी बी एस परिहार ने बताया कि विगत वर्ष की भांति किसानों को एसएमएस भेजकर खरीदी केंद्र में निर्धारित तिथि पर बुलाने की व्यवस्था खत्म कर दी गई। इस बार 1 दिसम्बर से लेकर 19 जनवरी तक किसान अपनी सुविधा के अनुसार अपने समीप के खरीदी कन्द्रों में स्लाॅट बुक कर अपनी फसल बेच सकते है। इस बार किसानों को स्वंय स्लाॅट बुक करना होगा। ग्रामीण क्षेत्रों के किसानों को आॅनलाईन स्लाॅट बुक करने में भी तरह-तरह के परेषानियों का सामना करना पड़ रहा है। जिला स्तर पर इस काम को करने के लिए किसानों को जागरूक करने और मदद पहुंचाने के लिए संदेश न खेती के तर्ज पर जिला प्रशासन के अधिकारी मौखिक तौर प्रयास कर रहें है। जिला अपूर्ति अधिकारी की बात करे तो खरीदी केन्द्र प्रभारियों द्वारा एक किसान से दूसरे किसान को मौखिक संदेश भिजवा कर खरीदी केन्द्र बुलाने का प्रयास करते दिख रहे है।
धान खरीदी हुई प्रभावित
जिला आपूर्ति अधिकारी बी एस परिहार ने बताया कि 1 दिसंबर से 19 जनवरी तक धान खरीदी का समय निर्धारित किया है। जिले में धान खरीदी के 21 केंद्र बनाए गए है। लगभग 1 लाख मीट्रिक टन धान खरीदी का लक्ष्य शासन ने निर्धारित किया है। पोर्टल में जिले के लगभग 20 हजार 67 किसानों ने रजिस्ट्रेशन करवाया है। एक हप्ते में जिले में सभी 21 खरीदी केन्द्रों में कुल 650 मीट्रिक टन ही धान खरीदी गई है। जबकि 19 जनवरी तक जिले के सभी पंजीकृत 20 हजार 67 किसानों से 1 लाख मीट्रिक टन धान खरीदने का लक्ष्य निर्धारित हुआ है। इस प्रकार कुल 50 दिनों में 1 लाख मीट्रिक टन धान का लक्ष्य प्राप्त करने के लिए जिले के प्रत्येक खरीदी केन्द्रों से कुल प्रतिदिन 2 हजार मीट्रिक टन धान खरीदी जानी चाहिए।
कछुए की चाल से हो रही है खरीदी
जिले में 1 दिसंबर से धान खरीदी कार्य शुरू किया गया है। आज 7 दिन बीत जाने के बाद भी निर्धारित लक्ष्य के अनुसार गति नहीं मिल पाई है। लक्ष्य पूर्ति को ध्यान में रखकर अगर बात की जाए तो जिले में अब तक लगभग 14 हजार मीट्रिक टन की खरीदी हो जानी चाहिए थी। परंतु प्रशासनिक व्यवस्था और मौसम की मार की वजह से मात्र 6 सौ 50 मीट्रिक टन धान की खरीदी संभव हो पाई है। जिले में अब तक कुल 1 सौ 31 किसानों ने ही धान खरीदी केन्द्रों में जाकर अपना उत्पादन बेचा है जबकि औसत 50 दिनों में देखा जाए तो प्रतिदिन 4 सौ 1 किसानों के द्वारा 21 खरीदी केन्द्रों में अपना-अपना उत्पाद बेचते तो 19 जनवरी जक 1 लाख मीट्रिक टन धान की खरीदी सभी पंजीकृत 20 हजार 67 किसानों से की जाती। लेकिन शुरुआती एक हफ्ते में 4 प्रतिशत से भी कम किसानों की केन्द्रों में फसल पहुंची।
कैसे होगा लक्ष्य की पूर्ति
जिले में 19 जनवरी तक 1 लाख मीट्रिक टन धान की खरीदी का लक्ष्य निर्धारित किया गया है लेकिन 1 दिसम्बर 2023 से शुरू हुई धान की खरीदी की गति काफी धीमी है जिला अपूर्ति अधिकारी बी एस परिहार ने बताया कि सभी जिला अधिकारी सभी केन्द्रों में जाकर खरीदी केन्द्रों में व्यवस्था सुदृढ़ करने और किसनों को खरीदी केन्द्र तक लाने हर सम्भव प्रयास कर रही है। इस बार किसानों को स्वंय स्लाॅट बुक कर खरीदी केन्द्रों में जाना है फसल बिक्रह के लिए जिले में अब तक 20 हजार 67 किसानों में से कुल 18 सौ किसानों ने 29 दिसम्बर तक में स्लाॅट धान बिक्री के लिए बुक किए है। जबकि प्रत्येक खरीदी केन्द्रों में 1 हजार क्विंटल धान  खरीदी जा सकती है लेकिन किसानों के कम उत्साह की वजह से जिले में आज दिनांक तक एक भी खरीदी केन्द्र में इस मात्रा में धान की फसल बिक्री हेतु नही पहुंची है। अगर यही गति कुछ दिनों तक और चली तो जिले में शत-प्रतिशत किसानों की सम्पूर्ण फसल की खरीदी समय में पूर्ण करना असंभव सा हो जाएगा। फिलहाल अभी किसान धान लेकर धान खरीदी केंद्र नहीं पहुंच रहे है। बारिश रुकते ही मौसम खुलने के बाद किसान धान लेकर खरीदी केंद्र पहुंचेंगे।
बारिश के बाद आएगी तेजी कोतमा तहसीलदार ईश्वर प्रधान द्वारा कोतमा तहसील अंतर्गत विभिन्न धान खरीदी केन्द्रों का दौरा कर समितियों को खरीदी में तेजी लाने के लिए निर्देश दिए है। हम से बात करते हुए तहसीलदार ईश्वर प्रधान ने बताया की कोतमा तहसील अंतर्गत कई खरीदी केन्द्रों में बोहनी भी नही हुई है। गुरुवार को बिजुरी धान खरीदी केंद्र का निरीक्षण किया गया। यहां सात दिनों में अब तक सिर्फ दो किसानों ने 81 क्विंटल धान की बिक्री की है। जबकि खोडरी नम्बर एक में एक भी दाना धान नहीं खरीदा गया। वही कोठी धान खरीदी केंद्र में अब तक 10 क्विंटल धान खरीदी हुई है। वही सेमरा-भलमुडी धान खरीदी केंद्र में 10-12 क्विंटल धान ही खरीदी हुई है।