जीत के लिए मोदी का नाम ही काफी काम के लिए पहले भी माफी अब भी माफी
अनुपपुर। शहडोल लोकसभा चुनाव को लेकर जैसे-जैसे राजनैतिक सरगर्मी बढ़ती जा रही है वैसे वैसे चाय पानी की दुकानों पर राजनैतिक चर्चा और बहस भी तेज होती जा रही है। वैसे तो यह जग विदित है कि किसी भी क्षेत्र की राजनैतिक पकड़ को समझना है तो सुबह सुबह चाय की दुकान पर पहुंच जाइए और फिर राजनैतिक बहस का मजा लीजिए बोलिए मत सुनिए ऐसी-ऐसी ज्ञान की बातें मिलेंगी कि लगेंगे की देश की संसद यहीं पर चल रही है फिलहाल आज अनूपपुर रेलवे स्टेशन के बाहर चाय की एक दुकान पर हाथ में चाय कप लिए एक भाजपा नेता देश में 400 पार का नारा लगा रहे थे उसी समय गांव का एक देहाती पहुंचता है और जैसे ही वह चर्चा सुनता है तो उसके मुंह से निकल जाता है हमने तो कभी स्थानीय सांसद को ना तो देखा और न ही अब तक किसी के मुंह से सुना कि वह हमारे गांव में आई है। सुख-दुख की बात तो दूर विकास कार्यों की किसी भी काले बोर्ड में सांसद का नाम नहीं मिलेगा इस पर भाजपा नेता ने भड़कते हुए वह कह डाला जो दिल में तो सभी के है लेकिन सड़क पर कोई बोल नहीं पा रहा है नेता जी का कहना था कि सांसद जी चुनाव में मोदी के नाम की गारंटी के दम पर जीत रही है जहां वही काम की बात उसके लिए पांच साल तक जिस तरह से जनता के कामों से दूर रही आगे भी रहेंगी इस बात की भी उसी तरह गारंटी है जिस तरह से मोदी के नाम से जीत की गारंटी है। फिलहाल भाजपा के नेता के मुंह से ऐसी बात सुनकर आस पास खड़े लोग भले ही चट खारे लेने लगे लेकिन नेताजी रुकने का नाम नहीं ले रहे थे उनका बस एक ही दावा था वो भी डंके की चोट पर वोट देना हो तो दे देना जीतेंगे तो हम ही लेकिन काम के लिए कभी मत आना क्योंकि सांसद का काम गली कूचे की सड़क बनाना नहीं है। फिलहाल तो इसके बाद जो बहस का दौर शुरू हुआ वह घंटो तक चला पर बहस इस बात पर खत्म हुआ कि जीत रहे हैं जीतेंगे ना कभी मिले हैं ना कभी मिलेंगे। वैसे देखा जाए तो भाजपा के नेता जी ने अपने बड़ बोले पन के कारण जो भी कहा सच यही है भले ही जनता यह कहते हुए घूमती है कि मोदी का नाम के साथ स्थानीय जनप्रतिनिधियों का काम भी जरूरी है लेकिन शहडोल संसदीय छेत्र में सांसद के काम से जादा मोदी के नाम को जीत की गारंटी माना जा रहा है।