10 वर्ष बाद रेलवे की एन ओ सी मिली तो अब विद्युत विभाग नहीं कर रहा कार्य
शोपीस बनकर रह गए बिजली के पोल, अंधेरे में कर रहे गुजारा
अनूपपुर। नगर पालिका बिजुरी अंतर्गत वार्ड क्रमांक 7 अयोध्या बस्ती में आज भी स्थानीय नागरिकों को मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध नहीं हो पा रही है ।जिसके कारण परेशानियों के बीच उन्हें अपना जीवन यापन करना पड़ रहा है। 250 की आबादी वाले इस बस्ती में अब तक विद्युत की स्थाई व्यवस्था नहीं हो पाई है। वर्ष 2012 में यहां ट्रांसफार्मर तथा विद्युत लाइन लगाई गई थी जो चालू भी नहीं हो पाया है । आज भी यहां लगे विद्युत पोल शोपीस बनकर लगे हुए हैं। जिसके कारण वार्ड वासी समीप ही स्थित कपिलधारा कॉलोनी से कटिया फंसाकर विद्युत का उपयोग कर रहे हैं । विद्युत लाइन चालू न होने के पीछे वजह बताया गया कि समीप ही रेलवे लाइन स्थित है जिसके नीचे से विद्युत लाइन लाने की अनुमति मांगी गई जो कि अभी तक नहीं मिल पाई है ।
आवास तथा शौचालय सुविधा का नहीं मिला लाभ
स्थानीय निवासी बुधराम ने बताया कि अब तक किसी भी व्यक्ति को शौचालय तथा आवास सुविधा का लाभ नहीं मिल पाया है। जिले को खुले में शौच से मुक्त जिला घोषित कर दिया गया है लेकिन नगरीय क्षेत्र में शामिल इस बस्ती में शौचालय अब तक नहीं बन पाया है। जिसके कारण यह बताया गया कि यह बस्ती वन भूमि क्षेत्र में स्थित है जिस कारण वन विभाग के द्वारा मकान तथा शौचालय निर्माण पर रोक लगा दी जाती है वही इस बस्ती में रह रहे कुड़कु आदिवासियों के पास अशिक्षा तथा जानकारी के अभाव में किसी भी व्यक्ति का जाति प्रमाण पत्र ना होने के कारण वन भूमि का पट्टा नहीं बन पाया है ।
विद्युत व्यवस्था से हो रही परेशानी
वार्ड वासी संजय कुमार ने बताया कि कॉलरी लाइन में कटिया फंसाकर विद्युत का उपयोग कर रहे हैं लेकिन विद्युत लाइन ना होने से स्ट्रीट लाइट की व्यवस्था नहीं हो पाई है। लगभग 8 वर्ष पूर्व सोलर स्ट्रीट लाइट लगाई गई थी वह भी खराब हो चुकी है ।
अनापत्ति मिलने के बाद अब विद्युत विभाग की अड़ंगेबाजी
वार्ड पार्षद विमला पटेल ने बताया कि रेलवे विभाग के द्वारा अनापत्ति प्रमाण पत्र जारी कर दिया गया है लेकिन अब विद्युत विभाग के अधिकारी इस पर अड़ंगेबाजी कर रहे हैं जिनके द्वारा अभी तक वर्षों से अटके हुए कार्य को पूरा नहीं किया जा रहा है। 12 वर्ष से यहां विद्युत खंभे लगे हुए हैं तथा इसमें तार भी झूल रहे हैं जो की पूरी तरह से खराब हालत में है। रेलवे लाइन के नीचे से विद्युत लाइन लाने के लिए विभाग के द्वारा अनापत्ति मांगी गई थी जिसमें लगभग 10 वर्ष बीत गए।