शहडोल जिले में नहीं रुक रहा घटिया निर्माण कार्य लगातार जारी है भ्रष्टाचार का खेल

जयसिहनगर - शहडोल जिले के ग्राम पंचायत कुबरा में बरा पतौरा लेगरदहा में विभागीय के द्वारा स्टॉप डैम का निर्माण कार्य कराया जा रहा है जहां मध्यप्रदेश शासन द्वारा कार्य का संचालन करवा कर लोगों को काम दिलाने का प्रयास कर रही है वही मौके पर जाकर देखा जाता है तो विभागीय कार्यों में भी मशीनों का उपयोग कर मजदूरों का पेट मारने में जरा भी कसर नहीं किया जाता है एवं उसके निर्माण की स्थिति शासन के गाइडलाइन से नहीं बल्कि उपयंत्री और ठेकेदारों की गाइड लाइन से संचालित होती है
400 मीटर में कई स्टॉप डैम-ग्राम पंचायत कुबरा के लेगरदहा में जिस स्थल पर निर्माण कार्य कराया जा रहा है उसी स्थल से महज कुछ ही दूरी पर या फिर ये कहे कि 400 मीटर की दूरी पर पहले से ही स्टाफ डैम का निर्माण ग्राम पंचायत कुबरा द्वारा 12 लाख में कराया जा चुका था समझ में यह नहीं आता कि  शासन के पास इतना पैसा है कि इनके द्वारा उसका दुरुपयोग कहीं भी किया जा रहा है तभी तो 400 मीटर की दूरी पर ही दूसरा स्टाफ डैम निर्माण कराने में जरा भी संकोच नहीं किया गया जबकि यह स्टाफ डैम वहां पर होना चाहिए जहां वास्तव में स्टॉप डैम की आवश्यकता है जिससे किसानों को लाभ प्राप्त होता एवं शासन की राशि का सदुपयोग किसानों के कल्याण में होता पर जिम्मेदार यह सोच कर चुप हो जाते होंगे कि उन्हें क्या करना यह कौन सी राशि उनकी है यह तो शासन की राशि है बस इसे व्यय कैसे करना है।
बिना बोर्ड ही निर्माण कार्य-आपको बता दें कि जिस स्थल पर स्टॉप डैम का निर्माण कार्य कराया जा रहा है उस स्तर पर किसी तरह की कोई जानकारी चस्पा ही नहीं किया गया है जबकि नियमानुसार निर्माण कार्य स्थल पर स्वीकृत राशि, लागत राशि कार्य का विवरण एवं मद का नाम होना चाहिए जब विभागीय कार्यों का सिलसिला इस कदर चले तो बाकी कार्यों का कहना ही क्या है इसीलिए तो लोगों के द्वारा निर्माण कार्य की राशि मनमाने तरीके से लोगों के सामने प्रस्तुत किया जाता है और हो भी क्यों ना जब निर्माण एजेंसी स्वयं राशि मद कार्य का विवरण छुपाने का हर संभव प्रयास कर रही है तभी तो लोगों द्वारा मनमानी राशि इस निर्माण कार्य की बताते हैं जबकि उन्हें स्वयं उसकी लागत राशि पता नहीं होती बस उनके द्वारा एक अंदाजा लगाया जाता है
उपयंत्री ने कहा सही है-जब निर्माण कार्य से संबंधित जानकारी लेने के लिए विभागीय उपयंत्री से बात की गई तो उनके द्वारा स्वयं यह स्वीकार करने में जरा भी कसर नहीं किया गया कि वह स्वयं गलत कर रहे हैं जब उनसे पूछा गया कि निर्माण कार्य की स्थिति क्या है तो उनके द्वारा स्वयं यह कहा गया कि निर्माण कार्य में 40 MM की गिट्टी का उपयोग होना चाहिए किंतु हमारे द्वारा 30 MM व 20 MM की गिट्टी का उपयोग करवाया जा रहा है नियमों को दरकिनार कर उपयंत्री स्वयं नियमों के कर्ताधर्ता बन कर बैठ गए हैं क्या उपयंत्री यह नहीं जानते कि निर्माण कार्य की नियमावली इसलिए बनाई जाती है की उस स्टाफ डैम से कई वर्षों तक लोगों को लाभ प्राप्त हो जब उनके द्वारा अपनी नियमावली लगाकर कम गिट्टी की मात्रा से निर्माण कार्य कराया जाएगा तो वह किस श्रेणी में आएगा उत्तम या घटिया यह जवाब उपयंत्री महोदय ही दे सकते हैं यही नहीं बल्कि वहां पर छड़ की स्थिति भी कुछ ऐसी ही बनी हुई है अगर वह स्टाफ डैम समय से पूर्व क्षतिग्रस्त की स्थिति में आता है तो उसकी जिम्मेदारी लेगा कौन