न्यायालय का फैसला बेदखली आदेश के बाद भी 8 माह से न्याय पाने दर-दर भटक रही हैं पीड़िता * दबंगो के रसूख के आगे प्रशासन भी बौना हो रहा है साबित, कब होगी कार्यवाही*

अनूपपुर | अनूपपुर जिला आदिवासी बाहुल्य क्षेत्र होने के चलते जो भी अधिकारी आते हैं राजस्व में सिर्फ लूट के आलावा और कुछ नहीं करते हैं इंसाफ पाने के लिए लोग न्यायालय का दरवाजा खट खटाते हैं लेकिन इंसाफ रुपया देने पर ही मिलता है, यह बात सोलह आने सच प्रतीत हो रहा है. सरकार की भष्टाचार जीरो टोलरेंस नीति को अधिकारी और कर्मचारी धता बताने में कोई कसर नहीं छोड़ रहे हैं. मुख्यमंत्री एक तरफ भष्टाचारियों पर कड़ी कार्यवाही करने का निर्देश चुके हैं, लेकिन राजस्व न्यायालयों के पदों पर आसीन अधिकारी अपनी लूट खसोट पर ध्यान दे रहे बिना चढ़ावा कोई काम नहीं होता। अनूपपुर जिले के पुष्पराजगढ़ तहसील का एक मामला सामने आया है, जहां पर एक पीड़ित फरियादी सोना बाई नायक का मामला है. सोना बाई नायक के घर के सामने दरवाजे से सटाकर कुछ दबंगों ने एक कच्चे मकान बना लिया जिससे पीड़ित सोना बाई नायक को किसी और जगह रहना पड़ रहा है वह समय लाक डाउन का था, अकेली बेबस महिला की किसी ने नहीं सुनी, मजबूर होकर सोना नायक ने पुष्पराजगढ़ के तहसील में बेदखली का केस दर्ज करवाया पिता मोती नायक, पुत्र परसा नायक केसव नायक के खिलाफ जिसमें सोना बाई नायक को जीत की सफलता मिल गयी और फैसला भी उसके पक्ष में लेकिन अभी तक सोना बाई नायक को उसकी जमीन पर कब्जा नहीं दिलवा पा रहा है प्रशासन। फैसला हुए 6 महीनों से ज्यादा बीत चुके हैं, जबकि सात दिवस के अंदर ही जमीन से कब्जा मुक्त करवा कर राजस्व न्यायालय प्रशासन को सोना बाई को सौंपना था लेकिन सोना बाई आज तक तहसीलदार के न्यायालय में दर दर भटक रही है। मीडिया से जब सोना बाई ने मदद मांगी, मीडिया ने जब जांच पड़ताल शुरू किया तो पुष्पराजगढ़ तहसील का हाल देखकर दंग रह गये, कर्मचारी और अधिकारी एक दूसरे के ऊपर आरोप लगा रहे हैं। पुष्पराजगढ़ तहसील में सोना बाई नायक के जमीन का फैसला 17 मई 2023 को हो चुका था। जमीन पर कब्जा दिलाने के लिए दो बार आदेश हुआ मगर पीड़िता को उस आदेश से कोई फायदा नही हुआ।