जांच कर खनिज टीम ने ग्रामीणो के बयान का तैयार किया पंचनामा पाया एक एकड़ से ज्यादा का अवैध खनन
माइनिंग इस्पेक्टर कोतमा के पास जनप्रतिनिधियोंसे बातचीत करने की तमीज नही
आरके एक्सपोज़ की खबर पर लगी मुहर
इन्ट्रो-बिजुरी थाना अंतर्गत मझौली गांव में हो रहे रेत के अवैध खनन के संबंध में प्रकाशित हो रही लगातार खबर पर आज उसे समय मोहर लग गई जब अवैध खनन के सत्यापन के लिए पहुंची खनिज विभाग की टीम ने 1 एकड़ के क्षेत्रफल में एक मीटर से ज्यादा गहरा अवैध खनन का राजा त्रिवेदी और विवेक तिवारी के नाम पर प्रकरण तैयार करके जनता से हलफनामा भरवाया है। अब देखना है कि उक्त हलफनामे के बाद खनिज विभाग किस तरह से जमाने का प्रकरण तैयार करके कोर्ट में पेश करता है।
(राम भैय्या)
अनूपपुर।
 आर्यावर्त समाचार पत्र द्वारा लगातार प्रकाशित की जा रही बिजुरी के मझौली गांव में हो रहे अवैध खनन के बाद वहां पर पहुंची खनिज विभाग की टीम ने ग्रामीणों से नोक झोक के बाद स्थानीय जनप्रतिनिधियों के मौजूदगी में एक एकड़ के क्षेत्र में एक मीटर गहरा अवैध खनन का प्रकरण तैयार किया है। इस दौरान मझौली की सरपंच और इस क्षेत्र के जिला पंचायत सदस्य राम जी रिंकू मिश्रा की उपस्थिति में काफी देर तक चली बहस बातचीत के बाद ना चाहते हुए भी माइनिंग इंस्पेक्टर कोतमा ग्रामीण जनता की शिकायत को संज्ञान में लेना ही पड़ा और जब उन्होंने नाप जोख किया तो 1 एकड़ के क्षेत्रफल में एक मीटर गहरा अवैध खनन पाया गया यही नहीं इसके अलावा दो सौ ट्रैक्टर ट्राली का अतिरिक्त अवैध खनन का अनुमान है। फिलहाल माइनिंग इंस्पेक्टर कोतमा के सामने मझौली गांव के ग्रामीणों ने राजा द्विवेदी और विवेक तिवारी का नाम उल्लेखित किया है कि इस क्षेत्र में जो भी अवैध खनन हुआ है वह इन्हीं लोगों ने किया है। वैसे ग्रामीणों का कहना है कि खनिज विभाग रेत माफियाओं से मिला हुआ है इसी कारण से जानबूझकर वह किसी भी प्रकार की कार्यवाही नहीं करना चाहता है अगर खनिज विभाग यही कार्य जब पहले बार आया था कर दिया होता तो आज यहां का अवैध खनन 3 गुना  न बढ़ता। वैसे सूत्रों का यह भी दावा है कि जनता और जनप्रतिनिधि के दबाव में भले ही खनिज विभाग ने पंचनामा तैयार किया है लेकिन वह अपने मूल दस्तावेज के साथ कोर्ट में जमाने के प्रकरण में की हेरा फेरी करेगी इस बात की भी संभावना है क्योंकि अधिकतर देखा गया है कि जांच में मौके पर गई थी टीम पंचनामा तो जरूर तैयार करती है लेकिन अदालत में जमाने के लिए जो प्रकरण भेजती है उसमें कहीं ना कहीं खनिज माफियाओं को बचाते हुए उन पर काम से कम जुर्माना हो इस तरह का प्रकरण तैयार करती है।
रेत माफिया का नया कारनामा अब रास्ता बदलकर कर रहे अवैध खनन
जिले के बिजुरी थाना अंतर्गत मझौली और छतई गांव में कई हफ्तों से चल रहा अवैध रेत का खनन जिला प्रशासन पुलिस और खनिज विभाग के अधिकारियों के नाकामी के कारण रुकने की जगह चैगुनी रफ्तार से बढ़ता जा रहा है। छत्तीसगढ़ की टीपी के नाम पर बाहर से आए रेत माफियाओं द्वारा चलाया जा रहा यह गोरख धंधा और इसको संरक्षण देने वाले सत्ता पक्ष के नेताओं के कारण यहां के रेत माफिया के हौसले दिन पर दिन बुलंद होते जा रहे हैं। मझौली गांव वीडियो के शिकायत के बाद जहां बिजुरी पुलिस के साथ-साथ खनिज विभाग ने अपनी थोड़ी सी सक्रियता दिखाई तो यहां के रेत माफियाओं ने रेत के अवैध खनन करने के लिए एक नया रास्ता निकाला जिसे उनके नए कारनामा भी कहा जा सकता है। गांववासियों का कहना है कि पहले जहां रेत माफिया छाती और मझौली गांव से होते हुए नदी के घाट पर जाकर अवैध खनन कर रहे थे अब वह छत्तीसगढ़ के रास्ते से होते हुए इस अवैध खनन पॉइंट से खनन कर रहे हैं। अवैध खनन का पॉइंट वही होने के कारण गांव वासियों का कहना है कि इतने विरोध के बावजूद भी केवल रास्ता बदल देने से उनके अवैध खनन कार्य सही नहीं हो सकते क्योंकि जहां वह पहले अवैध खनन करते थे आज भी वह अवैध कार्य वहीं पर कर रहे हैं केवल अवैध खनन कार्य स्थल पर पहुंचने का रास्ता बदल दिए हैं।
ईशा वर्मा को जनप्रतिनिधियों से बात करने की तमीज नहीं-चंदा पनिका
मझौली गांव की सरपंच चंद्र पनिका की शिकायत पर जांच करने पहुंची माइनिंग इंस्पेक्टर कोतमा ईशा वर्मा को लेकर मझौली गांव के ग्रामीण जनता में भारी आक्रोश है इस संबंध में अवैध खनन की शिकायतकर्ता और मझौली गांव की सरपंच चंदा पनिका ने फोन पर बातचीत करते हुए बताया कि शिकायत की जांच पर पहुंची माइनिंग इंस्पेक्टर कोतमा की भरसक कोशिश थी कि गांव वालों को झूठी तसल्ली देकर शिकायत वापस करा दे यही नहीं जिस तरह से वह तू तलाक की भाषा शैली उपयोग कर रही थी उसे देखकर यही कहा जा सकता है कि माइनिंग इंस्पेक्टर कोतमा के पास जनप्रतिनिधियों से बात करने की कोई तमीज नहीं है रेत माफियाओं को हर वक्त बचने के की जुगाड़ में लगी ईशा वर्मा तू तड़क की शैली से नाराज होकर जिला पंचायत सदस्य राम रिंकू मिश्रा ने जब कड़ी प्रक्रिया व्यक्त करते हुए हस्तक्षेप किया तो उसके बाद इशा वर्मा किसी तरह से खनिज माफियाओं पर कार्रवाई करने के लिए तैयार हुई और पंचनामा भरा गया।