भाजपा नेता अनिल गुप्ता का करीबी होने के चलते आनंद अग्रवाल पर कार्यवाही करने से बचता जिला प्रशासन 
अनूपपुर - कहते है सइयाँ भये कोतवाल तो डर काहे का आनद अग्रवाल ने नजूल की जमीन खसरा नंबर 733 पर फर्जी तरीके से विक्रेता और क्रेता दोनो ने मिल कर प्रशासन के आंख में धूल झोंकते हुए नजूल की जमीन 28 लाख रुपये में खरीदा जबकि पुख्ता सूत्रों से खबर मिली है कि ये पूरा सौदा 84 से 85 लाख में हुआ और गौरव बिंदल ने अपने परिवार के  चाचा की जमीन फर्जी दस्तावेजों ले आधार पर आनंद अग्रवाल को बेंच दी हमारे सूत्र तो यहां तक बताते है कि इस पूरे खेल में रजिस्टार संत कुमार कुशवाह ने लंबी रकम बतौर चढदोत्तरी ली है हालांकि हम इसकी पुष्टि नहीं करते पर सूत्र तो यही बताते है साथ ही नकल शाखा में मौजूद सोनी जी ने भी इस पूरे खेल में चढदोत्तरी लेकर अहम भूमिका अदा की है तो दूसरी तरफ नेता जी को भी बतौर चढ़ोत्तरी सुरक्षार्थ आनंद अग्रवाल ने चढ़ाई है और इसका नतीजा यह है कि कुछ माह पूर्व इसी तरीके के मामले में जिला प्रशासन और जैतहरी के तत्कालीन एसडीएम विजय डेहरिया ने एक अतिक्रमण हटाने के नाम पर नजूल की जमीन पर इसी तरह चल रहे निर्माण कार्य को ध्वस्त किया था और अब जिला प्रशासन सहित जैतहरी का स्थानीय प्रशासन पूर्ण रूप से नेता जी के सामने पंगू नजर आ रहा है दुर्भाग्य पूर्ण तो ये है कि सरकारी दस्तावेजों में पिता तक को नही बख्सा गया और जिले में बैठे रजिस्टार संत कुमार कुशवाह ने बिना दस्तावेजों का व्हेरीफिकेशन किये ही इस नजूल की जमीन को विक्रय अनुबंध पत्र कर दिया जबकि नजूल की जमीन में इस तरह का विक्रय अनुबंध होता ही नही और उसके पीछे की जो वजह सामने आ रही है कि साहब को भी मोटी रकम बतौर चढ़ोत्तरी चढ़ाई गई 
जब सइयां भये कोतवाल तो डर काहे का
मिली जानकारी के मुताबिक कभी रामलाल के खासमखास कहे जाने वाले भाजपा नेता आनंद अग्रवाल इन दिनों भाजपा नेता अनिल गुप्ता के सानिध्य में है और इन नेता महोदय के आड़ में आनंद अग्रवाल ने इस पूरे खरीद फरोख्त में फर्जी दस्तावेजों के सहारे नजूल की जमीन तो 84 से 85 लाख में खरीदी जो हमारे सूत्र बताते है पर अनुबधपत्र में 28 लाख जो जमीन की बाजारू कीमत है वही दर्शाया गया अब देखना यह है कि प्रशासन क्या अनिल गुप्ता के दबाव में आ कर आनंद अग्रवाल पर कार्यवाही करने से बचता है या पूर्व की भांति इस मामले में कार्यवाही की जाती है हालांकि अनिल गुप्ता ने भी जैतहरी को लूटने में कोई कसर नही छोड़ी जिसका उदाहरण है कि एक धारणाधिकार खारिज हो चुका है और अभी तीन लाइन में धारणाधिकार के लिए लगे हुए है तो जिसका जैसा गुरु वैसा चेला करेगा इसमे कोई अतिशयोक्ति नही