जनपद पुष्पराजगढ़ सीएम हेल्प लाइन बंद कराने पंचायत समन्नवयक के पंचनामे को झूँठा करार दे अपनी काली करतूत छुपाने में आमादा,बिना पुलिया के पुलिया निर्माण होना बताया,जनपद के सीईओ को नही पता किसने सीएम हेल्पलाइन में डाला झूँठा प्रतिवेदन 
अनूपपुर - जनपद पुष्पराजगढ़ में भृष्टाचार किस कदर हावी है इसकी बानगी आज पुलिया निर्माण के नाम पर फर्जी तरीके से राशि आहरण की खबर आज से एक साल पहले हमने छापी थी कार्यवाही न होने पर गोड़वाना पार्टी के द्वारा की गई शिकायत के आधार पर सीएम हेल्पलाइन में शिकायत दर्ज कराई गई थी शिकायत के पांच सौ दिन पूरे हो चुके बीती रात जनपद के सीईओ एस के वाजपेयी के फोन आया कि शिकायत बंद करवा दीजिये हमारे द्वारा कहा गया सर जांच करवा लें उसके बाद शिकायत बंद करवा दी जायेगी अगर पुलिया निर्माण होगा तो सीईओ के द्वारा मुझे सुबह  मौके स्थल पर पहुंचने को कहा गया जहां मोहदी पंचायत के गुगुआकापा सुबह 10 बजे हमारी टीम पहुंची और जांच करने जनपद की तरफ से पंचायत समन्वय अधिकारी नवल किशोर सिंह पहुंचे और उन्होंने जांच के दौरान पाया कि गुगुआकापा में दो पुलिया स्वीकृत है जिसमे एक रपटा दस लाख रुपये का है,दूसरा ढोला पुलिया दो लाख रुपये की है जिसमे रपटा जो दस लाख रुपये का स्वीकृत है उसका निर्माण गुणवत्ता हीन है तो दूसरे ढोला पुलिया के निर्माण हुआ ही नही और बिना निर्माण कार्य के राशि का आहरण कर लिया गया है,और इसका पंचनामा बाकायदा ग्रामीणों एवं उस वार्ड के पंच की मौजूदगी में बनाया गया जहां ते साफ हुआ कि बिना पुलिया निर्माण के पैसे निकाले गये,
अब खेल जनपद के शुरू हुआ और अपनी काली करतूतें छिपाने के लिए जांच प्रतिवेदन जो जांच करता द्वारा पंचायत इंस्पेक्टर जाग्रत सिंह को देते हुए ये कहा गया कि मैंने जांच में ये पाया है एक बार अपनी संतुष्टी के लिए जनपद या जिला पंचायत से इस पूरे मामले की जांच करा ली जाये, उसके बाद जनपद के जिम्मेदारों ने जो खेल खेला वो चौकाने वाला है सीएम हेल्प लाइन में जो प्रतिवेदन दिया गया उसे देख कर तो यही कहा जा सकता है की पूरी की पूरी जनपद ही भृष्ट है सीएम हेल्पलाइन की जांच प्रतिवेदन में लिखा गया कि शिकायतकर्ता के शिकायत की जांच श्री नवल किशोर सिंह पंचायत समन्वय अधिकारी जनपद पंचायत पुष्पराजगढ़ जिला अनूपपुर के द्वारा कराई गई जांच उपरांत पाया गया कि शिकायत कर्ता की शिकायत निराधार है मौका स्थल का अवलोकन करने पर पाया गया कि ग्राम पंचायत मोहन्दी ग्राम गुगुआकापा में पुलिया निर्माण कार्य कराया गया है जो कि पूर्ण हो चुका है शिकायतकर्ता को मौका स्थल पर उपस्थित करा कर पुलिया दिखाया गया है शिकायतकर्ता अभी भी संतुष्ट नही हो पा रहा है ऐसी स्थिति में शिकायत को संतुष्टि पूर्वक बंद कराया जाना संभव नही है,चुनौती है जनपद सीईओ और जिला पंचायत के जिम्मेदारों को की कल चलें और मौका स्थल पर पुलिया दिखाये जनपद के मुख्यकार्यपालन अधिकारी एस के वाजपेयी के द्वारा कूटरचित तरीके से शिकायत को बंद करा कर भृष्टाचार को बढ़ाने का काम किया जा रहा है जांच करो न साहब अगर झूंठी शिकायत हुई तो मेरे खिलाफ एफआईआर करवा दीजियेगा अन्यथा सरकारी पैसों का गबन करने वालों के खिलाफ कार्यवाही से क्यों बच रहे है या जनपद पुष्पराजगढ़ में बैठे सभी जिम्मेदार क्या भृष्टाचारियों को बचाने का ठेका ले रखे है हम ने मौका स्थल से जांच के बाद जनपद के सीईओ से मुलाकात कर बताया भी की पुलिया निर्माण किये बिना पैसों का आहरण किया गया उसके बाद भी सीएम हेल्पलाइन बंद कराने इस तरह की साजिश समझ के परे है
जांच प्रतिवेदन में जांच अधिकारी नवल किशोर ने जो लिखा वो भी आप पढ़ लीजिये
इस पंचनामे में जांच अधिकरी द्वारा साफ लिखा गया है कि 10 लाख की पुलिया के निर्माण गुणवत्ता हीन हुआ है और दूसरी ढोला पुलिया के निर्माण मौके स्थल पर नही पाया गया जबकि कागज में पुलिया निर्माण कर राशि आहरित कर ली गई अब सवाल यह उठता है कि जांच अधिकारी सही है या सीएम हेल्पलाइन बंद करने के लिए फर्जी तरीके से प्रतिवेदन देने वाले ,अब सवाल यह उठता की क्या मुख्यमंत्री द्वारा चलाई जा रही सीएम  हेल्पलाइन क्या अधिकारियों के लूट का एक शॉर्टकट रास्ता है अगर किसी भृष्टाचार की शिकायत की जाती है तो बंद कराने के लिए भृष्टाचारियों से सांठगांठ कर मोटी रकम वसूलते है और शिकायतकर्ता को झूँठा साबित करने में लग जाते है,सबसे बड़ी चौकाने वाली बात तो यह है कि जांच के बाद जनपद के सीईओ एस के बाजपेई को पूरी वस्तुस्थिति आए अवगत कराने के बाद उनके द्वारा जांच टीम गठित कर कार्यवाही की बात आज दोपहर में कही गई और शाम होते होते सीएम हेल्पलाइन बंद कराने झूँठा प्रतिवेदन डाला गया अब सवाल यह उठता है कि आखिर किसने किया यह चूंकि मुख्य कार्यपालन अधिकारी से हमने सीएम हेल्पलाइन में दिए गये प्रतिवेदन के बारे में पूंछा तो उन्होंने जानकारी होने से इनकार किया,अब जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी तन्मय वसिष्ट शर्मा इस पूरे मामले की जांच के लिए टीम गठित कर जांच करवाते हुए फर्जी तरीके से राशि पुलिया निर्माण के नाम पर करने वाले और राशि लेने वाले के साथ साथ सीएम हेल्प लाइन में झूँठा प्रतिवेदन देने वालों पर कड़ी कार्यवाही की जानी चाहिए देखना लाजमी होगा क्या जिला पंचायत इस मामले को गंभीरता से लेता है या फिर   इस तरह से फर्जी निर्माण कार्यों के नाम पर सरकारी पैसों का गबन करने वालों को संरक्षण देते है देखना होगा