पुलिस की मुस्तैद कार्यवाही को आईना दिखाता मंत्री बिसाहू लाल सिंह का दिवेश शुक्ला की जांच के लिये लिखा पत्र
दिवेश शुक्ला पर फर्जी दस्तावेजो के आधार पर लाखो का ऋण लेने के मनीष मालू ने लगाये है आरोप
फर्जी ऋण काण्ड मामले में मंत्री बिसाहू लाल सिंह के पत्र ने मचाई खलबली
 मध्यप्रदेश शासन के कैबिनेट मंत्री बिसाहू लाल सिंह के द्वारा पुलिस अधीक्षक अनूपपुर को फर्जी दस्तावेजो के सहारे नगरपालिका अनूपपुर के वार्ड क्रमांक 9 में रहने वाले दिवेश शुक्ला द्वारा प्राप्त किये गये ऋण पर जांच करते हुये कार्यवाही हेतु मनीष मालू द्वारा की गई शिकायत की जांच करते हुये आवश्यक कार्यवाही हेतु पत्र लिखा गया है। मंत्री बिसाहू लाल सिंह द्वारा पुलिस अधीक्षक को लिखे गये पत्र में यह भी लिखा गया कि सूदखोर के द्वारा गाली-गलौज व जान से मारने और अपहरण की दी जा रही धमकी पर कार्यवाही की जाये।
अनूपपुर। जिले की पुलिस सूदखोरो के द्वारा दी जा रही धमकी और फर्जी मामलो की प्राप्त शिकायतों की जांच में कितनी मुस्तैद है यह तब सामने आया जब प्रदेश शासन के कैबिनेट मंत्री द्वारा पुलिस अधीक्षक को पत्र लिखते हुये जांच कर कार्यवाही हेतु कहा गया। यह अपने आप में पुलिस की पीड़ितों की सुनवाई कितनी होती है यह साफ दर्शाता है। कोतवाली अनूपपुर पुलिस व अनुविभागीय पुलिस अधिकारी अनूपपुर के साथ पुलिस अधीक्षक को मनीष कुमार मालू निवासी वार्ड क्रमांक 14 के द्वारा शिकायत करते हुये बताया गया था कि दिव्यांग छात्रावास अनूपपुर वार्ड क्रमांक 9 में रहने वाले दिवेश कुमार शुक्ला के द्वारा क्या कुछ फर्जीवाडा किया गया है, और शिकायत करने के बाद उसके साथ गाली-गलौज करते हुये उसका अपहरण कर लिये जाने की धमकी दी जा रही है। ऐसे संगीन मामलो में भी पुलिस की कार्यवाही नौ दिन चले अढाई कोश दिखाई दे रही है। सोमवार 1 मई को अनूपपुर पुलिस ने इस मामले में शिकायतकर्ता के बयान लेते हुये जांच प्रारंभ की है।
मनीष ने यह की थी शिकायत
नगरपालिका अनूपपुर के वार्ड क्रमांक 14 चेतना नगर बस्ती रोड में रहने वाले मनीष कुमार मालू पिता प्रदीप मालू ने दिव्यांग छात्रावास अनूपपुर वार्ड क्रमांक 9 के रहने वाले दिवेश शुक्ला के द्वारा फर्जी दस्तावेजो के सहारे एक ही अराजी को दो बैंको में बंधक रखकर लिये गये ऋण व अन्य लोगो से की गई ठगी के मामले की शिकायत कोतवाली अनूपपुर के साथ अनुविभागीय पुलिस अधिकारी अनूपपुर व पुलिस अधीक्षक को करते हुये जांच कर दोषी के विरूद्ध कार्यवाही किये जाने की मांग की थी। लेकिन पुलिस अन्य शिकायतों की भांति इसे भी रिसीव कर रद्दी की टोकरी में डालकर भूल गई कि उसकी भी कुछ जिम्मेदारी है जिसके लिये उसके समक्ष शिकायत की गई है।
यह लिखा मंत्री बिसाहू लाल सिंह ने 
मध्यप्रदेश शासन के कैबिनेट मंत्री बिसाहू लाल सिंह ने पत्र क्रमांक 3045/मंत्री /खा.ना.आ.उ.सं./2022 के माध्यम से पुलिस अधीक्षक अनूपपुर को लिखा कि सूदखोर के द्वारा गाली-गलौज, जान से मारने, अपहरण व चेक बाउंस कराकर जबरन ब्याज की राशि वसूल किये जाने का विधिवत जांच कराकर कार्यवाही की जाये। उन्होंने अपने पत्र में लिखा कि मनीष कुमार मालू पिता स्वर्गीय प्रदीप मालू के द्वारा उल्लेख किया गया है कि दिवेश शुक्ला पिता स्वर्गीय रामेश्वर प्रसाद शुक्ला निवासी वार्ड क्रमांक 9 अनूपपुर के द्वारा इन्हें कुछ रूपये ब्याज के दर पर उधारी समय-समय पर देता रहता था और 10 प्रतिशत ब्याज की दर से वसूल करता रहा। राशि उधार देते समय चेक बुक में हस्ताक्षर कराकर अपने पास रख लिये। चेक बाउंस कराने का दबाव देकर राशि वसूल करता रहता है। दिवेश शुक्ला ब्याज के धंधे के अलावा सट्टा, जुआं, लकडी सप्लाई जैसे काले धंधे कर रहा है। दिवेश शुक्ला से मनीष को जनहानि का खतरा है। उपरोक्त प्रकरण का सघन जांच कराकर कडी कार्यवाही करें।
दिवेश पर फर्जीवाडे के हैं आरोप 
नगरपालिका अनूपपुर के वार्ड क्रमांक 9 में रहने वाले दिवेश शुक्ला पिता स्वर्गीय रामेश्वर प्रसाद शुक्ला पर अनूपपुर की अराजी खसरा नंबर 987/2/2 के रकवा 0.023 हेक्टेयर भूमि को बंधक रखकर फर्जी दस्तावेज के माध्यम से मध्यप्रदेष ग्रामीण बैंक की शाखा मेडियारास से 17 लाख एवं मध्यप्रदेश ग्रामीण बैंक अनूपपुर की फर्जी एनओसी तैयार कर उसी अराजी को बंधक रखकर दोबार एयू स्माईल फाइनेंस बैंक लिमिटेड शाखा शहडोल से 20 लाख रूपये का ऋण लिये जाने के आरोप की शिकायत पुलिस से की गई है।
मंत्री के पत्र के बाद जागी पुलिस
मध्यप्रदेश शासन के कैबिनेट मंत्री बिसाहू लाल सिंह के द्वारा पुलिस अधीक्षक को इस पूरे प्रकरण की जांच कर कार्यवाही के लिये लिखे गये पत्र के एक माह बाद सोमवार 1 मई को अनूपपुर की पुलिस जागी और अनुविभागीय पुलिस अधिकारी कार्यालय अनूपपुर के द्वारा शिकायतकर्ता मनीष कुमार मालू के कथन लिये गये। कुल मिलाकर अब हरेक मामलो में जब तक मंत्री के द्वारा पुलिस अधीक्षक को पत्र नही लिखा जायेगा तब तक अनूपपुर की पुलिस ऐसे संगीन मामलो में नही जागने वाली चाहे शिकायतकर्ता के साथ कोई भी वारदात क्यों न घटित हो जाये।