बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व में लक्ष्मी भारी सरस्वती हुई फेल,  वन्य प्राणी व बाघ का अस्तित्व खतरे में, सर्वोच्च न्यायालय के आदेश से  हट कर हो रहे है रिसोर्ट कार्य निर्माण पार्क प्रबंधन कर रहा है कार्यवाही  करने से नजरअंदाज
 भारत के सभी टाइगर रिजर्व में व इकोसेंसेटिवक जोन और संरक्षित क्षेत्र के एक किलोमीटर की दूरी पर निर्माण की बाध्यता को अभी कुछ दिन पूर्व सर्वोच्च न्यायालय द्वारा प्रधान मुख्यवन्य संरक्षक व भारसाधक अधिकारी की शर्तों के अधीन व भारत राजपत्र 2011के पारित नियमों के शर्तो  के अधीन रखते हुए सभी टाइगर रिजर्व के इर्द-गिर्द   निर्माण की जाने की अनुमति प्रदान की गई है किंतु बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व के चारों तरफ  प्रबंधन के बिना अनुमति व  सर्वोच्च न्यायालय के आदेश की अवहेलना करते हुए  रिसोर्ट का निर्माण खुलेआम जारी है जिम्मेदार प्रबंधन के अधिकारी मौन जिसके कारण वन्य प्राणियों का जीवन अस्तित्व खतरे में पड़ गया है