बिजुरी में अज्ञात लाशों के कारण पुलिस की भूमिका पर उठ रहे सवाल नही हो रहा पर्दाफास
कालरी क्वाटरों में बाहरी अपराधियों का लगता है जमावड़ा
इन्ट्रो- जिले के बिजुरी थाना अंतर्गत पहले एक महिला की अज्ञात लाश का पुलिस पर्दाफाश भी नहीं कर पाई थी कि लहू लहान एक युवक की अज्ञात लाश मिलने के कारण नगर क्षेत्र में सनसनी फैली हुई है। हत्या के कारण की बात तो दूर पुलिस अभी तक मृतकों की पहचान भी नहीं कर पाई है जिसके कारण जहां पुलिस विभाग पर कई तरह के सवाल खड़े हो रहे हैं वहीं अब यह भी कहा जाने लगा है कि अवैध कारोबार से जुड़े माफियाओं की मौजूदगी में बिजुरी अब हत्या करो और लाश फेंको का मुख्य केंद्र बिंदु बन गया है।

 


(क्राइम रिपोर्टर)
अनूपपुर।
 जिले के छत्तीसगढ़ की सीमा पर स्थित बिजुरी नगर पालिका वैसे तो अवैध कोयला अवैध कबाड़ के साथ जुआ सट्टा का मुख्य गढ़ माना जाता है और अब यह नगर अज्ञात लाशों के लिए भी जिले में अपनी एक अलग पहचान बना रहा है विगत 15 दिनों के अंदर दो जगह पर मिली अज्ञात लाषे इस बात का प्रमाण है कि यहां पर बाहरी अपराधियों का जमावड़ा लगा है और पुलिस सब कुछ जानते हुए भी केवल अवैध कमाई के चक्कर में चुपचाप बैठी रहती है। स्टेट बैंक किओस्क के सामने मिली अज्ञात महिला की लाश हो या बिजुरी कोरर्जा मार्ग पर मिला लहू लहान युवक की लाश दोनों ही घटनाओं का बिजुरी पुलिस अभी तक पर्दाफाश करने में सफल नहीं रही है यह दीगर बात है कि हर घटना के बाद रेवड़ी की तरह इनाम घोषित करने वाले अधिकारी ने यहां भी घटना के तत्काल बाद इनाम घोषित कर दिया है। लेकिन पुलिस अब भी मृतकों की पहचान नहीं कर पाई है जो अपने आप में पुलिस विभाग की सक्रियता पर कई सवालिया निशान खड़े हो रहे हैं।
कालरी की कॉलोनीयो में अवैध बसे लोगों की हो जांच
बिजुरी नगर पालिका में एसईसीएल द्वारा बनाई गई लगभग 900 क्वाटर में से 300 के ऊपर क्वाटर में अवैध ढंग से कब्जा जमा कर लोग यहां पर रह रहे हैं। सूत्रों की माने तो बिजुरी नगर पालिका क्षेत्र में अवैध कारोबार से जुड़े कोयला माफिया कबाड़ माफिया जुआ सट्टा खिलाने वालों के साथ-साथ कई सामाजिक चेहरे और राजनीतिक व्यक्ति भी एसईसीएल की क्वार्टरों पर कब्जा जमा कर उसे किराए पर उठा रखे हैं। एसईसीएल के क्वार्टर में अवैध ढंग से रह रहे बाहर से आने वाले अपराधी किस्म के लोग यहां पर हर उस अवैध कारोबार से जुड़े हैं जिसकी चर्चा आए दिन होती रहती है। सूत्रों की माने तो पुलिस के पास भी इन क्वार्टर में रहने वालों का कोई पहचान नहीं रहता और यहां पर अधिकतर अवैध कारोबार से जुड़े माफियाओं के लिए बाहर से आकर रहने वालों की संख्या ज्यादा है ऐसे में जब कभी भी ऐसी हत्याएं होती हैं तो उन लाशो का पहचान पुलिस नहीं कर पाती। बिजुरी से जुड़े सूत्रों का दावा है कि अगर पुलिस एसईसीएल के क्वार्टर में अवैध ढंग से रह रहे बाहरी अपराधियों की पहचान और उनकी जानकारी अपने थाने के रजिस्टर में अंकित कर ले तो बिजुरी के 75 परसेंट अवैध कारोबार पर अंकुश लगाया जा सकता है।
अवैध कबाड़ के कारोबार में छिड़ी है जंग
वर्तमान में बिजुरी नगर पालिका क्षेत्र अंतर्गत कोल माइंस की कई खदानें बंद पड़ी है जहां से अवैध ढंग से लोहा और पीतल निकालकर उन्हें बाहर ले जाकर बेचा जा रहा है और इस अवैध कारोबार को करने के लिए बाहर से भी कुछ बड़े ठेकेदारों ने अपने मजदूरों के साथ नगर पालिका क्षेत्र में डेरा डाले हुए हैं। बाहर से आए हुए कबाड़ियों के कारण बिजुरी के स्थानीय कबाड़ियों में धंधे को लेकर जंग छिड़ी हुई है यही कारण है कि मनेंद्रगढ़ के एक कबाड़ व्यवसायी को यहां से अपना धंधा समेटने तक की चेतावनी दी जा चुकी है। यही नहीं कपिलधारा में चल रही एक खदान के अंदर कटिंग में भी उत्तर प्रदेश के मेरठ से 100 से ज्यादा मजदूर यहां काम कर रहे हैं जिनकी भी थाने में एंट्री नहीं है। ऐसे में यह भी माना जा रहा है कि इस क्षेत्र में जो भी अज्ञात लाषे मिल रही है वह कहीं ना कहीं बाहर से आए हुए मजदूरों की है या फिर अवैध कारोबार से जुड़े ठेकेदारों की फिलहाल गेंद अब पुलिस के पाले में है जो पुलिस जितनी जल्दी उक्त घटनाओं की पर्दाफाश करके अपराधियों पर लगाम लगा सकेगी वह बिजली नगर पालिका क्षेत्र की जनता के लिए राहत भरी बात होगी।