बेमौसम बारिश से किसान परेशान, 10 घंटे से लगातार हो रही वर्षा, किसानों की फसल बर्बाद
अनूपपुर।
मध्य प्रदेश समेत देश के अधिकांश हिस्सों में इस वक्त बारिश का दौर जारी है। ठंड में मौसम में अचानक बारिश ने लोगों का जनजीवन अस्त व्यस्त कर दिया है। व्यापारियों से लेकर आम जन को भी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है। मगर इस बेमौसम बारिश ने अगर किसी का सबसे ज्यादा नुकसान किया है तो वह है अनूपपुर जिले  में 2 दिनों से बारिश का दौर जारी है। संभाग के शहडोल, उमरिया और अनूपपुर जिले में सुबह से भारी बारिश हो रही है। इस बेमौस बारिश के चलते किसानों को काफी तकलीफों का सामना करना पड़ रहा है। किसानों की फसल बर्बाद हो रही है और खेती को भी भारी नुकसान हो रहा है। 
मौसम विभाग ने जारी किया अलर्ट
मौसम विभाग ने अगले दो दिन तक शहडोल संभाग में भारी बारिश होने की चेतावनी दी है। मौसम विभाग के अनुसार बादल छाए रहने के साथ साथ हल्की बारिश होगी। शहडोल संभाग में 5 से 6 किलोमीटर प्रति घण्टे औसत गति से हवाएं चल रही है। शहड़ोल संभाग में अधिकतम 23 डिग्री सेल्सियस तापमान है तो वहीं न्यूतम 17 डिग्री सेल्सियस किया गया है। अब तक शहडोल मे 1000 मिली मीटर बारिश हो चुकी है
पड़ती जमीन पर भी अब कर सकेंगे खेती
पिछले दो दिनों से हो रही रिमझिम बारिश के चलते किसान खुश है। किसानों ने बताया कि पानी गिरने से फसल अच्छी तरीके से तैयार होगी। वहीं असिंचित खेत में पानी होने की वजह से अब जुताई कर उसमे फसल की बुवाई कर सकते है।  विषेषज्ञों कि माने तो दो दिनों से बारिश हो रही है। इस बारिश से अभी तो सभी फसलों के लिए फायदा होगा। जिन किसानों की धान की फसल की कटाई खेतों से हो चुकी है और गहाई नहीं हुई है, उनको थोड़ा नुकसान है। क्योंकि फसल में नमी आ गई है। जो किसान सिंचाई न होने की वजह से खेत खाली छोड़ देते थे, इस बारिश से उन खेतों में किसान बुवाई कर फसल उगा सकते है।
किसानों के सामने खड़ा हुआ रोजी-रोटी का संकट 

गत एक सप्ताह से सम्पूर्ण जिले के साथ-साथ जैतहरी क्षेत्र में लगातार बेमियादी वर्षा से किसानों के सामने कई प्रकार के संकट उत्पन्न हो गया है। एक तरफ जहां किसानों के खड़ी फसलों को नुकसान पहुंच रहा है वहीं कटे फसल को भी नुकसान पहुंच रही है, जहां किसान खेत से फसल उठाकर खलिहान में एकत्र करके रखा है वहां भी समुचित इंतजाम नहीं कर पाने की स्थिति में फसल अंकुरित होकर नष्ट हो रहा हैं । बेमियादी वर्षा से किसानों के सामने संकट ही संकट छा गया है। एक तरफ बैंक की कर्ज वसूली के लिए किसानों का घर बैंक के अधिकारी फेरा लगा रहे हैं तो वहीं बेमियादी वर्ष से किसानों को भारी भरकम नुकसान हो रहा है।