प्रमाणित जालसाजी दस्तावेज साक्ष्य भी सत्ताधारी दल से जुडे होने पर यहां होते पाक-साफ ,मामला राघव बिंदल द्वारा भाजपा नेता आनंद अग्रवाल को न मालिक होते मालिक बन बेंची गयी नजूल भूमि का
 वैसे तो पूरे प्रदेष में हल्ला मचा है कि भ्रष्टाचारी हो या जालसाज सत्ताधारी दल से जुडने के बाद वह पाक-साफ हो जाता है, कुछ ऐसा ही मामला नगर परिषद जैतहरी के खसरा नंबर 733 के अंष रकवा के दस्तावेजो में प्रमाणित जालसाजी कर भाजपा नेता आनंद अग्रवाल को बेंचने की हुई षिकायतो के बाद न कोई जांच न कोई कार्यवही होने पर स्पष्ट प्रतीत होता है। जबकि विक्रयकर्ता राघव बिंदल व आषा सराफ द्वारा तहसील कोतमा के पटवारी हल्का पथरौडी की वारिषदार भूमि का सेजरा प्राप्त करने के लिये स्पष्ट कर चुके हैं कि जिसके वारिषदार बनकर उन्होंने जैतहरी नगर परिषद की नजूल भूमि का विक्रय असल मालिक बनकर किया वास्तव में वह उसके मालिक नही रहे। लेकिन दस्तावेजो में जालसाजी कर मालिक बनकर उन्होंने जमीन बेंच दी और अब भाजपा से जुडे नेता को बेंचने के बाद वह पूरी तरह से पाक-साफ है।  

अनूपपुर। कलेक्टर अनूपपुर को नगर परिषद जैतहरी के खसरा नंबर 733 के अंष रकवा की नजूल भूमि को बेजा नामधारी द्वारा रजिस्ट्री पत्र निष्पादित कर किये गये विक्रय को निरस्त किये जाने की षिकायत की गई थी। लेकिन इसकी किसी प्रकार से कोई जांच नही हुई जबकि विक्रयकर्ता राघव बिंदल व आषा सराफ का उक्त नजूल की भूमि से दूर-दूर तक नाता नही रहा लेकिन दस्तावेजो में ऐसी जालसाजी की गई कि वह विक्रय की गई नजूल की भूमि के मालिक बने। इस पूरे प्रकरण में सूत्र बताते हैं कि पूरी अकल जिला मुख्यालय स्थित नकल शाखा में पदस्थ सोनी के द्वारा लगायी गयी। यहां पर यह बताना आवष्यक है कि राघव बिंदल के द्वारा विक्रयकर्ता भूमि को अपने पिता स्वर्गीय भीखम सराफ के पिता नत्थू लाल के पिता लक्ष्मी नारायण बताया गया। वहीं राघव बिंदल ने इसके पहले 2019 में पटवारी हल्का पथरौडी से सेजरा प्राप्त करने के लिये नत्थू लाल के पिता बृज मोहन को बताया था। 
आखिर जिम्मेदार जांच करने क्यों नही तैयार
शासन की संपत्ति को नगर परिषद जैतहरी में किस तरह से लाखो का लेन-देन कर खुर्द-बुर्द किया गया षिकायत के बाद भी आखिर जिम्मेदार जांच करने को तैयार क्यों नही समझ के परे हैं। सूत्र बताते हैं कि इस पूरे प्रकरण में वह जांच का हांथ डालने से इसलिये कतरा रहे है कि विक्रय की गई नजूल की भूमि को लेने वाला कोई और नही सत्ताधारी दल से जुडे कलफदार कुर्ताधारी के विषेष सहयोगी नगर परिषद जैतहरी में भाजपा की टिकट से पार्षद पद का चुनाव लडने वाले आनंद अग्रवाल हैं। जानकार यह भी बताते है कि राघव बिंदल व आषा सराफ से आनंद अग्रवाल ने सत्ताधारी दल से जुडे होने व रसूख के बल पर यह भलिभांति जानते हुये नजूल की भूमि खरीदी की वह उसके असल वारिषदार नही है। क्योंकि उन्हें अपने रसूख व सत्ता पर पूर्ण भरोसा है कि वह गलत नही ठहराये जा सकते। बहरहाल यह सब कुछ स्पष्ट करना प्रषासन का काम है षिकायतकर्ता ने शासन के प्रति अपने जिम्मेदारी का निर्वहन किया है।
रजिस्ट्रार ने क्यों नही कराया सत्यापन
राजस्व मामलो से जुडे विधीवेता बताते है कि नजूल से जुडे प्रकरणो में भूमि विक्रय का अनुबंध पत्र निष्पादित करने के पूर्व प्रस्तुत दस्तावेजो के सत्यापन की जिम्मेदारी रजिस्ट्रार की होती है लेकिन प्रभारी रजिस्ट्रार रहे संत कुमार कुषवाहा ने आषा सराफ व राघव बिंदल द्वारा नजूल की भूमि का विक्रय निष्पादित कराने में इसलिये दस्तावेजो का सत्यापन नही कराया कि वह कोतमा में रहने के दौरान राघव बिंदल से जुडे रहे और अनुबंधित विक्रय पत्र विक्रय मूल्य दर्षाते हुये अपनी सील मुहर से हस्ताक्षरित कर जारी किया। प्रषासन ने इस पूरे प्रकरण की जांच करायी तो रजिस्ट्रार भी इस जालसाजी के मामले में उतने ही सहभागी हो सकते हैं।
नगर पालिका को करनी होगी जांच
जिले की नगरपालिका कोतमा से प्राप्त मृत्यु प्रमाण पत्र में राघव बिंदल द्वारा अपने पिता स्वर्गीय भीखम सराफ के पिता नत्थू लाल के मृत्यु प्रमाण पत्र में स्वर्गीय लक्ष्मी नारायण को उनका पिता बताया गया है जबकि राघव बिंदल द्वारा तहसील कोतमा के पटवारी हल्का ग्राम पथरौडी के आराजी खसरा नंबर 2272/2 के रकवा 2.352 के फौती नामांतरण हेतु दिये गये शपथ पत्र में स्वर्गीय नत्थू लाल सराफ का पिता स्वर्गीय बृज मोहन सराफ को बताया गया हैं इसलिये नगरपालिका कोतमा को पुस्तक क्रमांक 72726 जावक क्रमांक 150 अनुक्रमांक 3636264 दिनांक 20 अप्रैल 2010 के द्वारा धारा 12/17 के अधीन जारी मृत्यु प्रमाण पत्र की जांच करनी होगी।