मासूम को गर्म सलाखों से दागा बंद नहीं हो रही कुप्रथा 
अंधविश्वास की वजह से कई बच्चों की हो चुकी है मौत
अनूपपुर। मध्य प्रदेश के आदिवासी बाहुल्य जिले शहडोल में मासूम बच्चों को गर्म सलाखों से दागने के मामले रुकने का नाम ही नहीं ले रहे हैं। अंधविश्वास की वजह से गर्म सलाखें दागकर इलाज करने के मामले लगातार बढ़ रहे हैं। ऐसा ही एक मामला सामने आ रहा है जहां खैरहा थाना क्षेत्र के रहने वाले प्रदीप बैगा ने अपने ही डेढ़ मासूम को गर्म सलाखों सेदगवाया है। मासूम को 12 से अधिक बार गर्म सलाखों से दागा गया है। बताया जा रहा है कि डेढ़ माह के बच्चे का स्वास्थ्य खराब रहता था। कई जगह दिखाने पर भी जब वह ठीक नहीं हुआ तो वह बच्चे को सलाखों से दगवाने के लिए पहुंच गया। हैरत की बात तो यह है कि मासूम के पिता ने बच्चे के शरीर के हर अंग पेट, पीठ, चेहरा, हाथ पैर सभी को गर्म सलाखों से दगवाया है। यह पहली बार नहीं है बल्कि डेढ़ माह के अंदर परिजनों ने बच्चे को दूसरी बार गर्म सलाखों से दगवाया है। बच्चे की हालत ज्यादा बिगड़ने पर उसे मेडिकल कॉलेज में उपचार के लिए भर्ती कराया गया है जहां उसका उपचार जारी है।  बच्चे के शरीर को 12 बार दागने से पूरे शरीर में निशान बन गए हैं। बता दें कि इसके पूर्व  में गर्म सलाखो में बच्चो को दागने से कई बच्चो की मौत हो चुकी है। मगर फिर भी अंधविश्वास खत्म  होने का नाम नहीं ले रहा है और बच्चों को गर्म सलाखों से दागने की कुप्रथा चलते ही आ रही है।