मरौली खण्ड पांच में अवैध खनन के लिए जारी है ‘शक्ति प्रदर्शन’

- नदियों का सीना चीर रहीं शक्तिशाली हैवीवेट मशीने
- जिम्मेदारों ने ओढ़ा अनदेखी का चोला

*रिपोर्ट अजय यादव बांदा*

बाँदा। बुन्देलखण्ड क्षेत्र में लाल सोनी की लूट में शक्तिशाली खनन माफिया मरौली खण्ड पांच में अवैध खनन में महारत हासिल किए हुए है। इस खण्ड में रसूख और जिम्मेदारों की सेटिंग के चलते रोजाना लाखों रूपये के राजस्व को चूना लगाया जा रहा है। शक्तिशाली हैवीवेट मशीनें एक ओर जहां केन नदी का सीना दिन रात चीर रही हैं तो वहीं दूसरी ओर खदान में सैकड़ों ओवरलोड ट्रक भी फर्राटा भरते नजर आ रह हैं। सूत्रों की माने तो शक्तिशाली व्यक्ति के रसूख और खनन विभाग के जिम्मेदार अधिकारियों के संरक्षण में सरकार की राजस्व की चोरी खुलेआम हो रही है। अंदर खाने तो यह खबर निकल कर आ रही है कि खनिज विभाग के जिम्मेदार अधिकारी ने अपनी बोली लगाकर पूरा मामला सेट कर रखा है। तभी लगातार खनन के समाचार प्रकाशित होने के बाद भी खदान के अवैध खनन के विरूद्ध कोई कार्यवाही नहीं हो रही है। 
बताते चलें कि अबैध खनन व ओवरलोडिंग की रोकथाम के लिए खनन नियमों में संशोधन कर इनकी निगरानी में हाई-फाई पी जेड कैमरे, धर्मकांटा व अन्य नियम कानून लागू किए। लेकिन उनका पालन खाली कागजों में सीमित रह गया। उसके उलट धरातल पर सभी नियम-कानून हवा हवाई साबित हो रहें हैं। जिसमें मुख्य भूमिका अदा करने वाले खनिज विभाग, परिवहन विभाग व राजस्व विभाग ने अपने कर्तव्य को खनन कारोबारीयो के पास गिरवी रख कर सभी दावों की हवा निकाल दी है। जैसा वर्तमान समय में देखने को मिल रहा है। और एक अप्रत्यक्ष सिंडीकेट कुछ चुनिंदा पट्टाधारकों संचालकों व खनिज अधिकारी का जनपद में संचालित है जिसमें सूत्रों से मिली जानकारी अनुसार मरौली खण्ड पांच के शक्तिशाली जिम्मेदार और खनिज अधिकारी के बीच तगड़ी सेटिंग चल रही है। जहां खनिज विभाग की कार्यशैली से मरौली खण्ड पांच का खनन कारोबारी बेलगाम होकर एनजीटी शर्तों व खनन परिवहन नियमों को तार-तार कर करोड़ों रुपए के राजस्व की  लूट-खसोट लगातार जारी किए हैं। जिसमें खनिज, परिवहन व राजस्व विभाग की मौन सहमति से दिनों दिन जल संसाधनों की मौजूदा स्थिति मृत्युशैया में लेटने को मजबूर हो गईं  हैं। नदियों से अधिक गहराई तक खुदाई होने से जलस्तर गिरता जा रहा है। और जलधारा भी जगह जगह पर टूट रही है। क्योंकि इस ब्यापार से होने वाली धनवर्षा में अपनी उपयोगिता के अनुसार जेबें भरने की होड़ में कहीं चूक ना हो जाएं इसलिए सबकुछ जानकर धृतराष्ट्र की राजनीति पर दायित्वों का निर्वहन किया जा रहा मरौली खंड 5 खदान में खनिज अधिकारी व दोयम दर्जा अधिकारी सबकुछ देख कर भी कार्यवाही से भगतां नजर आ रहा  है । कहीं उनकी मिलीभगत के राज ना बेपर्दा हो जाएं। इसीलिए खदानों में लगातार बैधड़क नियमों के विपरित हैवीवेट मशीनरी से लगातार जारी खनन व ओवरलोडिंग को रोकने की हिम्मत नहीं जुटा पा रहा है। जहां खनिज अधिकारी को कोई भी एनजीटी शर्तों व ओवरलोडिंग का उलंघन नहीं दिखाई दे रहा है। जबकि वर्तमान समय में मरौली खंड 5 खदान में जारी अवैध खनन से जीवनदायिनी केन का मूल स्वरूप क्षतिग्रस्त होने वाले के साथ ही जलिय जीवों का भी अस्तित्व समाप्त होने खतरा पैदा हो गया है।  ग्रामीण किसान, मजदूरों को अपने जीवन यापन के लिए दर दर की ठोकरें खानी पड़ेगी। लोकतंत्र का चौथा स्तंभ एक ओर जहां अपनी जिम्मेदारी ईमानदारी से निभाते हुए लगातार प्रशासन व खनिज विभाग को आगाह कर रहा है। तो वहीं दूसरी ओर खनिज विभाग अनदेखी का चोला ओढ़कर कुंभकर्णी निद्रा में लीन नजर आ रहा है। अब देखन यह है कि खनिज अधिकारी की नींद कब खुलती है।