राष्ट्र प्रथम की समर्पित विचारधारा भाजपा को बनाती है महान्

( स्थापना दिवस विशेष- मनोज द्विवेदी, अनूपपुर) 

 अनूपपुर /   विगत कुछ वर्षों मे देश की राजनीति ने नागरिकों के सम्मुख दो तरह की विचारधारा प्रस्तुत की है। इसके केन्द्र मे सकारात्मक राष्ट्रवादी विकास की मुख्यधारा है । भारतीय जनता पार्टी को इसका पर्याय माना जाता है और इसके पीछे अभिभावक की तरह खड़ा राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ है । दूसरी ओर सनातन विरोधी, भ्रष्टाचार, परिवारवाद के आरोप झेलते शेष राजनैतिक दल हैं , जिनके पास न विचारधारा की पुष्टता है,  ना सिद्धांत , नेतृत्व और अनुशासन की कोई शेष परंपरा । देश की जनता का झुकाव यदि भाजपा की ओर तेजी से बढा है तो यह कोई रातों रात हुआ कोई चमत्कार नहीं है , न ही व्यक्ति पोषित राजनीति का हिस्सा है। लोगों ने अनेक अवसरों पर यह पाया है कि देश निर्माण के लिये संघर्ष, विचारधारा, संयम यदि किसी मे है तो वह भारतीय जनता पार्टी में है। पं दीनदयाल उपाध्याय की भारतीय जनता पार्टी भारत रत्न द्वय अटल बिहारी वाजपेयी और लालकृष्ण आडवाणी के दौर को पार कर ‌नरेन्द्र मोदी, अमित शाह के समय की आक्रामक जिम्मेदार भाजपा बन गयी है तो इसके पीछे उक्त ख्यातिलब्ध चेहरों के अतिरिक्त लाखों ऐसे जुझारु,समर्पित अनजाने - अनचीन्हे चेहरों की अथक मेहनत है , जिसके बिना इस मंजिल तक पहुंचना लगभग असंभव था।  2014 के आम चुनावों में राजग को गुजरात के लम्बे समय से चले आ रहे मुख्यमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में भारी जीत मिली और 2014 में केन्द्र में  एनडीए की सरकार बनी ।  2019 में दूसरी बार मोदी के एनडीए ने प्रचण्ड पूर्ण विजय के साथ इतिहास रच दिया। आज इसके अलावा कई राज्यों में भारतीय जनता पार्टी की सरकार भी है । भाजपा छद्म धर्म निरपेक्षता की आड मे चलाए जा रहे संतुष्टिकरण  की राजनीति के दुष्परिणामों का असर देश पर पडता देख पा रही है। भाजपा विकास के लिये समरस भारत - समर्थ भारत की भावना से कार्य कर रही है। ज‌नता को सबका साथ - सबका विकास- सबका विश्वास का नारा महज जुमला न हो कर धरातल पर उतरता दिख रहा है। 2023 में मप्र,छग,राजस्थान मे बनी सरकार इस बात का परिचायक है कि लोगो का विश्वास विकास को लेकर भाजपा पर मजबूती से स्थापित है।  हिन्दुत्ववादी विचारधारा की छाप होने के बावजूद भाजपा शासित किसी भी राज्य की कानून व्यवस्था अन्य राज्यों से बेहतर है तो विकास दर भी काफी अच्छी ।देश की मजबूती के लिये,राष्ट्रवाद को पुष्ट करने के लिये एवं राष्ट्र विरोधी ताकतों को कुचलने के लिये राज्यों व केन्द्र मे भाजपा सरकार जरुरी है। सरकार बनाने के लिये जिस मजबूत संगठन की दरकार है। भाजपा से मजबूत ,सक्रिय एवं अनुशासित संगठन देश मे दूसरी कोई नहीं । अब भारतीय जनता पार्टी 2024 तक पहुंचते - पहुंचते  अधिक विस्तारित हो गयी है। जिला एवं प्रदेश कार्यालयों में बैठे लोगों को यह समझना होगा कि मूल समर्पित कार्यकर्ताओं की उपेक्षा करके , अन्य दलों से आए लोगों को सिर पर बैठाने से पार्टी की जड़ें कमजोर पड़ रही हैं। पिछले कुछ वर्षों से जमीनी स्तर के कार्यकर्ताओं में बेचैनी का बढता भाव अब चरम पर है। गुटबाजी से बचे बिना एकजुटता और मजबूती की बात नहीं हो सकती। कांग्रेसी बीमारी और तमाम दोषों से भाजपा को बचाए रखना बड़ी चुनौती है । गाँव स्तर पर कार्यकर्ताओं को सक्रिय बनाए रखने के लिये कार्यक्रमों की भरमार है तो आंकडेबाजी का महत्व भी बढ़ा है। संगठन के शीर्षस्थ नेताओं को कार्यकर्ताओं से मिलना होगा, उन्हे सुनना होगा, उन्हे समझना होगा....उनके लिये सुलभ ,सहज होना होगा। कार्यकर्ताओं और पार्टी के एक बड़े तबके को उपेक्षित करके नये लोगों को जोड़ भी लिया जाए तो इसके अलग खतरे होंगे । कुछ जिलों में सत्ता के घुटनों पर संगठन के गिरने की शिकायतों के बीच कार्यकर्ताओं के काम नहीं हो रहे है। जिन जिलों में कांग्रेस या अन्य दलों से आए लोगो को शीर्ष पर बैठाया गया है ,वहाँ भाजपा के लोगों की ही जमकर उपेक्षा ,उनका अपमान किया जा रहा है। वर्षों वर्ष पुराने कार्यकर्ताओं को दर किनार करके नये लोगों को सत्ता और संगठन में महत्व मिलने से दुविधा बढी है। तमाम राजनैतिक नियुक्तियों में इसके उदाहरण देखे जा सकते हैं । केन्द्र और प्रदेशों के निर्णायक स्तरों पर बैठे शीर्ष नेताओं को इस ओर समय रहते चिंता करने और बीमारी का निदान - उपचार करने की जरुरत है। देवतुल्य कार्यकर्ता सिर्फ शब्द मात्र नहीं, संगठन और सत्ता का मूल है...यह भाव , यह संदेश मजबूती से दिये बगैर आगे का मार्ग सरल नहीं हो सकता। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से भाजपा मे आने वाले प्रचारकों की कड़ी नजर पदाधिकारियो , कार्यकर्ताओं के साथ कार्यक्रमों- योजनाओं पर बनी रहने से पार्टी के स्वाभाविक दोषों पर भी है। यह पार्टी के भीतर कडे अनुशासन की रीढ़ मानी जाती है।   भाजपा का स्थापना दिवस कार्यकर्ताओं को अपने गौरव शाली इतिहास से जुडने का अवसर प्रदान करता है। आज देश के सभी बूथों पर कार्यकर्ताओं की बड़ी संख्या स्थापना दिवस पर परिश्रम कर रही है। उन्हें पता है कि शीर्ष पर टिके रहना है तो सतत मेहनत करना है। गलती की जरा भी गुंजाइश वो नहीं देखते। विश्व की सबसे बड़ी राजनैतिक पार्टी अब सबसे मजबूत और एकजुट पार्टी बन चुकी है , इसके पीछे बड़ा कारण कुशल नेतृत्व, सतत कार्यक्रम और वैचारिक पारदर्शी शुद्ध विचारधारा आधारित आचरण है , जो सिर्फ राष्ट्र को प्रथम मानता है।