राजा का मायाजाल विवेक का कमाल सरकार को कर रहे कंगाल रेत माफिया हो रहे मालामाल
बिजुरी के छतई मझौली का रेत का छत्तीसगढ़ के बिछिया में भंडारण
इन्ट्रो-जिले के बिजुरी थाना अंतर्गत छतई और मझौली गांव से अवैध खनन करके छत्तीसगढ़ के बिछिया डाड गांव में भंडारण और उसके बाद छत्तीसगढ़ की टीपी पर कोतमा और बिजुरी क्षेत्र में इस रेत को बेचने का गोरख धंधा करने वालों के बारे में बस यही कहा जा सकता है कि सब राजा का माया जाल है विवेक का कमाल के कारण सरकार हो रही कंगाल तो वही रेत खनन माफिया हो रहे मालामाल।

 


(राम भैय्या)
अनूपपुर।
कभी अनूपपुर जिले के रेत के ठेकेदार रहे राजा तिवारी और माइनिंग विभाग के अपने दिमाग के बल पर चलने वाले विवेक के गठजोड़ के कारण इस समय जिले भर के रेत माफिया मालामाल हो रहे हैं और इसके पीछे विवेक के नाम से छत्तीसगढ़ की टीपी अपना कमाल दिखा रही है। सूत्रों की माने तो छत्तीसगढ़ के केल्हारी पुलिस चैकी के अंतर्गत बिछिया डाड में बिजुरी निवासी विवेक तिवारी का भंडारण का ठेका है जिसके पीछे छतरपुर के राजा द्विवेदी अपने मायाजाल को फैलाकर बिजुरी थाना अंतर्गत छतई और मझौली गांव से अवैध रेत खनन करके छत्तीसगढ़ की सीमा में स्थित अपने भंडारण में खुलेआम ले जा रहे हैं। जहां से वह कोतमा और बिजुरी क्षेत्र के रेत माफियाओं को छत्तीसगढ़ की टीपी देकर खुलेआम उनको अवैध रेत खनन का संरक्षण दे रहे हैं जिसके कारण सरकार को रोजाना लाखों रुपए के राजस्व का नुकसान तो हो ही रहा है वहीं क्षेत्र की खनिज संपदा की भी लूट मची हुई है। छतई और महौली गांव के निवासियों के साथ इस क्षेत्र के जनप्रतिनिधियों ने भी बिजुरी थाना प्रभारी, अनुविभागीय अधिकारी कोतमा के साथ जिला प्रषासन पुलिस के साथ खनिज विभाग के अधिकारियों को लिखित मौखिक और फोन पर इस अवैध खनन की सूचना दे रहे है। लेकिन किसी के भी कान पर काई जू नही पड़ रहा है जिसके कारण अब उक्त गांव के निवासी यह कहने से नही पीछे हट रहे है कि राजा के मायाजाल में फसकर सभी अवैध खनन को बढ़ावा दे रहे है।
मझौली की यह तस्वीर अवैध खनन की गवाह
केल्हारी से 3 किलोमीटर दूरी पर ग्राम बिछिया छत्तीसगढ़ में रेत का भंडारण किया जा रहा है। रेत एमपी से रात में ग्राम पंचायत मझौली के पास की नदी से ट्रांसपोर्टिंग कर छत्तीसगढ़ के बिछिया ले जाया जाता है, पूरी रात यह कारोबार जेसीबी व 10 12 की संख्या में ट्रैक्टर वाले मौजूद रहते है, बिछिया में भंडारण कर छत्तीसगढ़ मध्य प्रदेश में महंगे दामों में बेचा जा रहा है। टीपी छत्तीसगढ़ की काटी जाती है सरपंच द्वारा कई जगह शिकायत की गई लेकिन कोई भी इस मामले में कार्यवाही करने को तैयार नहीं है। 22 फरवरी 2024 की रात लगभग 9ः00 बजे ग्राम मझौली की सरपंच व उसके करीब 8, 10 साथी केवई नदी रेत उत्खनन पॉइंट पर गए हुए थे चोरों और पंचायत के लोगों के बीच काफी झड़प हुई। कल रात 10ः00 बजे कल रात 10ः00 बजे करीब 10 ट्रैक्टर रेत परिवहन करने मझौली गए हुए थे सरपंच द्वारा पुलिस को खबर दी गई थी लेकिन बिजुरी पुलिस मौके पर नहीं पहुंची। इस विषय में मझौली गांव के गांव वासियों का कहना है कि गांव वासियों को डरा धमका कर अवैध खनन करने वालों के ऊपर जहां स्थानीय सत्ता पक्ष के नेताओं का संरक्षण प्राप्त है वही बिजुरी और कोतमा के कुछ खनन माफिया भी अपने गुरगौ के साथ गांव में मौजूद रहते हैं जिसके कारण गांव में अशांति का माहौल बना हुआ है। इस संबंध में जब मझौली गांव मे  केवई नदी के किनारे का स्थलीय निरीक्षण करके देखा गया तो माफियाओं द्वारा बनाया गया घाट से निकलने का रास्ता और रेत में बड़े ट्रैक्टर ट्रालियो के निशान अपने आप इस बात की गवाही दे रहे थे कि यहां पर अवैध खनन का कार्य चल रहा है। यही नहीं मजदूरों से लदे ट्रैक्टर और नदी के किनारे खड़े जेसीबी मशीन देखने के बाद भी माइनिंग विभाग के अधिकारियों द्वारा यहां के अवैध खनन पर कोई सकारात्मक कदम न उठाए जाने के कारण समूचे गांव में पुलिस और खनिज विभाग के प्रति आक्रोश व्याप्त है। वहीं सूत्रों का दावा है कि इस समय इस तरह के अवैध खनन करके छत्तीसगढ़ के बिछिया के भंडारण में रेत लाने जाने का मामला केवल अकेले मझौली गांव से ही नहीं पास में स्थित छतई गांव से भी हो रहा है जिस पर सता का संरक्षण के साथ-साथ स्थानी पुलिस की भूमिका पर भी कई तरह के सवाल खड़े हो रहे हैं फिलहाल जिसका जवाब किसी के पास नहीं है।
एक बार की टीपी दिनभर अवैध खनन की छूट
सूत्रों की माने तो खनन विभाग के कई सिंडिकेट से जुड़े होने के कारण राजा द्विवेदी का खनन विभाग से लेकर पुलिस और प्रशासन में भी काफी पहुंच है। कोतमा और बिजुरी क्षेत्र के पुराने ठेकेदार होने के कारण इनका इस क्षेत्र के गांव-गांव में नेटवर्क भी है यही कारण है कि इन्होंने इस तरह से अपना मायाजाल फैलाया है कि विवेक के नाम से जारी हो रही टीपी एक बार लेकर उसी के सहारे या कहां जाए कि छत्तीसगढ़ की उसे टीपी को आधार बनाकर कोतमा और बिजुरी के रेत माफिया अपना खेल खेल रहे हैं जिसके कारण जहां सरकार तो कंगाल हो रही है वही खनन माफिया मालामाल हो रहे हैं।