जीतू पटवारी ने कराया फुन्दे लाल सुनील सराफ के बीच सुलह समझौता
लोकसभा चुनाव पर इसका कितना पड़ेगा असर
अनूपपुर।
शहडोल संसदीय क्षेत्र से कांग्रेस प्रत्याशी पुष्पराजगढ़ के कांग्रेस विधायक फुन्दे लाल सिंह मार्को के बीच कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष जीतू पटवारी ने एक बंद कमरे में आमने-सामने बैठ कर सुबह समझौता कर दिया है ऐसी खबर राजनीतिक गलियारों से निकलकर जनता के बीच में चर्चा का विषय बनी हुई है। जीतू पटवारी और फुन्दे लाल, सुनील सराफ के बीच आप बातें हुई यह तो जानकारी नहीं लग पा रही है लेकिन राहुल गांधी के शहडोल आगमन पर मंचीय कार्यक्रम की समाप्ति के बाद तीनों लोगों की एक बंद कमरे में बैठकर वार्ता की तस्वीर जरूर सोशल मीडिया में वायरल हो रही है। इस तस्वीर के वायरल होने के बाद शहडोल संभाग के राजनीतिक गलियारों में तरह-तरह की चर्चाएं चल पड़ी है और हर चर्चा में बस यही कहा जा रहा है कि शहडोल लोकसभा से चुनावी प्रचार से दूर रहकर रीवा के प्रभारी बने कोतमा के पूर्व कांग्रेस विधायक सुनील सराफ को जीतू पटवारी ने शहडोल लोकसभा में भी काम करने के लिए मना लिया है। फिलहाल सुनील सराफ किन बातो से फुन्दे लाल से नाराज हैं इसकी किसी को सटीक जानकारी तो नहीं है लेकिन कांग्रेसी सूत्रों की माने तो बीते विधानसभा चुनाव में सुनील सराफ को खुली चुनौती देकर उन्हें चुनावी मैदान में हारने वाले कांग्रेस के बागी नेताओं जिन्हें जी-23 के नाम से जाना जाता है उनकी कांग्रेस में वापसी को लेकर कोतमा के पूर्व विधायक नें अपनी प्रतिष्ठा का सवाल बना लिया है और उनकी शिकायत भी यही है कि जो लोग खुलेआम कांग्रेस विधायक को चुनावी मैदान में पटकनी देने के लिए भाजपा का झंडा उठा लिए थे जो कांग्रेस ने उनका चुनाव के समय निष्कासित कर दिया था फिर उनकी वापसी कैसे हो गई। फिलहाल यह भी कहा जा सकता है कि सुनील शराफ और जी 23 की आपसी जंग में कांग्रेस लोकसभा प्रत्याशी फुन्देलाल सिंह मार्को का चुनावी अभियान प्रभावित हो रहा है तो गलत नहीं है। और इसी बात को ध्यान में रखकर अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के प्रदेश अध्यक्ष जीतू पटवारी ने दोनों लोगों को आमने-सामने बैठ कर गिले शिकवे दूर करने की कोशिश की है। अब देखना यह है कि जीतू पटवारी का यह प्रयास आगामी लोकसभा चुनाव में कितना सफल होता है या फिर दोनों जिस तरह से अलग-अलग राह पर चल रहे हैं इस तरह से चलते रहेंगे।