शहडोल संभाग में किसको मिलेगी लाल बत्ती और किसकी होगी बत्ती गुल जनता में बना चर्चा का विषय
बिसाहू लाल को लेकर अटकलें का बाजार गर्म
इन्ट्रो- विधानसभा चुनाव 2023 में शहडोल संभाग की कुल 8 सीटों में से सात सीटों पर विजय पताका फहराने वाली भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश सरकार के गठन की प्रक्रिया या यह कहा जाए कि प्रदेश के मुख्यमंत्री के चयन की प्रक्रिया शुरू हो गई है ऐसे में अब यह सवाल भी खड़ा होने लगा है कि शहडोल संभाग में किन नेताओं को लाल बत्ती मिलेगी और किन नेताओं की लाल बत्ती गुल होगी जनता में चर्चा का विषय बना हुआ है।
अनूपपुर। विधानसभा 2023 के चुनाव परिणाम के बाद शहडोल संभाग की 8 सीटों में से अनूपपुर जिले की तीन में से दो, शहडोल जिले की तीन में से तीनो, वही उमरिया जिले की दोनों सीटों पर अपना विजय पताका फहराने वाली भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश में नई सरकार के गठन को लेकर प्रक्रिया शुरू हो गई है। मध्य प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी का नया मुख्यमंत्री कौन होगा इसको लेकर भले ही तस्वीर नहीं साफ हो रही है लेकिन इसी बीच अब शहडोल संभाग से नई सरकार में किसको लाल बत्ती की सौगात मिलेगी इसकी चर्चा राजनीतिक गलियारों में जोरों से चल पड़ी है। फिलहाल वर्तमान प्रदेश सरकार में शहडोल संभाग से अनूपपुर के विधायक बिसाहू लाल और उमरिया की मानपुर विधानसभा से मीना सिंह प्रदेश सरकार में कैबिनेट मंत्री है। तो वही शहडोल संभाग से अमिता चपरा और रामलाल रौतेल को कैबिनेट मंत्री का दर्जा प्राप्त है। अब देखना यह है की नई सरकार में शहडोल संभाग से किन नेताओं को मंत्री मण्डल में स्थान दिया जाता है। जहां बिसाहू लाल और मीना सिंह का दवा ज्यादा तेज माना जा रहा है वही शहडोल संभाग की एकमात्र  कोतमा  सामान्य सीट से जीते हुए दिलीप जायसवाल भी मंत्री पद के दावेदार बताए जा रहे हैं। भाजपा की पिछली सरकार में शहडोल जिले से किसी को भी मंत्री पद नहीं दिया गया था इसलिए इस बार संभावना व्यक्त की जा रही है कि भाजपा के विश्वास पर बार-बार खड़े उतरने वाले जयसिंह मारावी को मंत्री पद से नवाजा जा सकता है तो वही बांधवगढ़ के विधायक शिव नारायण सिंह को भी मंत्री पद की दौड़ में माना जा रहा है तो दूसरी बात ब्यौहारी क्षेत्र से भाजपा के विधायक बने शरद कोल को भी इस दौड़ में शामिल किया जा सकता है।
बिसाहू लाल अनुभव बोलता है
अनूपपुर विधानसभा से सातवीं बार विधायक बने वर्तमान में प्रदेश सरकार में कैबिनेट मंत्री बिसाहू लाल के लगभग 30 साल के विधानसभा की राजनीतिक अनुभव को देखते हुए इस बात की संभावना ज्यादा है कि उन्हें एक बार फिर प्रदेश सरकार में कैबिनेट मंत्री का दर्जा मिल जाए लेकिन भोपाल के सूत्रों का कहना है कि बिसाहू लाल को मंत्री पद पाना तभी संभव है जब प्रदेश में शिवराज सिंह चैहान ही मुख्यमंत्री बने रहेंगे। अगर भारतीय जनता पार्टी प्रदेश सरकार में मुख्यमंत्री का चेहरा बदलती है तो बिसाहू लाल के लिए मंत्री पद दूर की कौड़ी साबित हो सकता है। वही मानपुर विधानसभा की विधायक और वर्तमान में अनूपपुर जिले की प्रभारी मंत्री मीना सिंह के बारे में कहा जा रहा है कि इनके बीते 5 साल के कार्य का रिपोर्ट कार्ड बहुत अच्छा नहीं है और जिस तरह से उनके जिले में गोंडवाना गणतंत्र पार्टी और पुलिस की झड़प में एक आदिवासी युवक की मौत हो गई थी उसको लेकर भी उनकी छवि पर खराब असर पड़ा है। यही नहीं अनूपपुर जिले की प्रभारी मंत्री के रूप में भी उनके कार्यकाल को बहुत अच्छा नंबर नहीं दिया जा सकता भारतीय जनता पार्टी के कार्यकर्ताओं के साथ-साथ यहां के प्रशासनिक अधिकारियों में भी गुटबाजी को बढ़ावा देने का उनके ऊपर कई बार आरोप लग चुका है ऐसे में यह तय माना जा रहा है कि प्रदेश में चाहे शिवराज सिंह मुख्यमंत्री हो या कोई नया चेहरा मुख्यमंत्री का पद संभाले लेकिन इस बार उन्हें लाल बत्ती से हाथ धोना पड़ेगा।
शरद कोल, दिलीप जायसवाल और शिवनारायण के नाम की चर्चा
वैसे भाजपा भोपाल के सूत्रों का माने तो पिछली सरकारों की तरह इस बार भी शहडोल संभाग से मात्र दो कैबिनेट मंत्री ही बनाए जाएंगे जिसमें से मुख्य रूप से शहडोल संभाग के पूर्व सांसद और प्रदेश सरकार के कैबिनेट मंत्री के बेटे शिव नारायण सिंह का नाम प्रमुखता से लिया जा रहा है वहीं अगर सूत्रों की माने तो ब्यौहारी विधायक शरद कोल को भी राज्य मंत्री बनाया जा सकता है वही इस बात की भी चर्चा है कि कोतमा से विधायक दिलीप जायसवाल को पिछड़े वर्ग के कोटा में राज्य मंत्री से नवाजे जाने की संभावना चल रही है लेकिन दिलीप जायसवाल को राज्य मंत्री का दर्जा तभी मिल पाएगा जब वर्तमान कैबिनेट मंत्री विसाहू लाल को प्रदेश सरकार से बाहर का रास्ता दिखाया जाएगा। वहीं सूत्रों की माने तो शहडोल संभाग से आदिवासी महिला नेत्री के रूप में मीना सिंह की जगह मनीषा सिंह को भी मंत्रिमंडल में स्थान देने की चर्चा चल रही है। फिलहाल कौन मंत्री बनेगा कौन नहीं इसकी चर्चा तो भोपाल में बाद में होगी अभी तो केवल मुख्यमंत्री के चेहरे को तय करने में भारतीय जनता पार्टी तेजी से लगी हुई है।