खुशियों की दास्ताँ जिले की 45 हजार 117 बालिकाओं को मिला लाडली लक्ष्मी योजना से संबल

अनूपपुर / बालिकाओं के प्रति लोगों की सोच में सकारात्मकता लाने के लिए और प्रदेष में लिंग अनुपात को सुधारने के उद्देश्‍य से मध्यप्रदेश सरकार ने लाडली लक्ष्मी योजना की शुरुआत 01 अप्रैल 2007 से की थी। जिसका लाभ जिले की 45 हजार 117 बालिकाओं को मिला है। मध्यप्रदेश सरकार की इस महत्वाकांक्षी योजना का लाभ अनूपपुर के वार्ड क्रमांक 14 में रहने वाली श्रीमती लक्ष्मी पटेल पति श्री शेषनारायण पटेल की पुत्री कुमारी चंचल पटेल को भी मिला है। 15 फरवरी 2006 को जन्म लेनी वाली कुमारी चंचल पटेल का जन्म गरीब परिवार में हुआ। परिवार को जब राज्य शासन द्वारा संचालित लाडली लक्ष्मी योजना की जानकारी हुई, तो उन्होंने आंगनबाड़ी कार्यकर्ता से सम्पर्क किया। जहां चंचल पटेल का वर्ष 2007-08 में पंजीयन हुआ। पंजीयन दर्ज होने के पश्‍चात् योजना के मुताबिक कुमारी चंचल पटेल के पक्ष में 6 हजार का राष्ट्रीय बचत पत्र प्रतिवर्ष जारी होना प्रारंभ हो गया। इसी बीच 13 अप्रैल 2008 को लाडली बालिका कुमारी चंचल के पिता श्री शेषनारायण पटेल की मृत्यु हो गई, जिससे परिवार का भरण-पोषण का सम्पूर्ण भार उनकी माता श्रीमती लक्ष्मी पटेल पर आ पड़ा। कठिन परिस्थितियों में बच्चों का भरण-पोषण तथा बच्चों की पढ़ाई को निरन्तर जारी रखने में कठिनाईयों का सामना करना पड़ा। लाडली बालिका कु. चंचल पटेल की माता श्रीमती लक्ष्मी पटेल ने बताया कि 20 मार्च 2014 को चंचल के नाम से जारी प्रथम राष्ट्रीय बचत पत्र का नवीनीकरण महिला बाल विकास विभाग द्वारा कराया गया। तत्पश्‍चात् 31 मार्च 2016 के नवीन निर्देश के तहत जारी सभी राष्ट्रीय बचत पत्र वापस प्राप्त कर ई-लाडली प्रमाण पत्र जारी कर सौपे गए। वर्ष 2015-16 कु. चंचल पटेल का एडमीशन कक्षा 6 में निजी विद्यालय में कराने की आवश्‍यकता में लाडली लक्ष्मी योजना के तहत 2 हजार की प्रथम छात्रवृत्ति ने परिवार को बड़ा संबल दिया। श्रीमती लक्ष्मी पटेल ने बताया कि प्रथम छात्रवृत्ति की राशि को आहरित कर शाला में लगने वाला शुल्क जमा किया गया। वर्तमान शैक्षणिक सत्र में लाडली बालिका 11 वीं कक्षा में अध्ययनरत है। छात्रवृत्ति की द्वितीय किश्‍त भी लाडली बालिका चंचल पटेल को प्राप्त हो चुकी है। लाडली बालिका ने लगातार अपनी कक्षाओं में श्रेष्ठ प्रदर्षन किया है।