माफियाओ को खनिज विभाग का खुला संरक्षण, विरोध में भाजपा व गोंगपा ने शिकायत सौंप मुखर की आवाज
नियम कायदे को दरकिनार कर खोदी गई खाई, भौतिक सत्यापन से क्यों किनारा कर रहे जिम्मेदार
विभिन्न मदो से राजस्व प्राप्त करने के साथ-साथ वन एवं पर्यावरण का संरक्षण व जल-जीवन का संवर्धन प्रदेश सरकार की मूल जिम्मेदारी है और इसका पालन कराना उन विभागो का अपना कर्तव्य है। लेकिन अनूपपुर जिले में पत्थर माफियाओ के द्वारा जिस तरह से नियम कायदो को ताक पर रखकर हैवी ब्लास्टिंग के माध्यम से पत्थरो का उत्खनन कर खाई खोदी गयी उससे साफ है कि ऐसे माफियाओ को खनिज विभाग का खुला संरक्षण है। तभी तो यह जिम्मेदार उन माफियाओ की खदानों तक पहुंचकर किये गये अतिरिक्त व अवैध उत्खनन का भौतिक सत्यापन करने से कतरा रहे हैं। बहरहाल मंगलवार को गोणवाना गणतंत्र पार्टी के पूर्व जिलाध्यक्ष ने जांच की मांग को लेकर शिकायत सौंपते हुये जहां आवाज मुखर की है। वहीं भारतीय जनता पार्टी के जिला महामंत्री हीरा सिंह श्याम की शिकायत ने तो प्रशासन को खुला आईना दिखाया है।

अनूपपुर - विभन्न प्रदेशों की अपनी अलग खनिज नीति होती है जिसके तहत खनन कारोबार की अनुमति प्रदान की जाती है। मध्यप्रदेश सरकार की खनिज नीति व खान एवं खनिज अधिनियम के प्रावधानो को अनूपपुर जिले में पत्थर माफियाओ ने खदान को खाई बनाकर खुली चुनौती दी हुई है और जिम्मेदार विभाग के अधिकारी मूल विषय की जांच व कार्यवाही से दूर रहकर उन्हें खुला संरक्षण दे रहे है। आर के एक्सपोज़ लगातार पत्थर माफियाओ के द्वारा नियम विरूद्ध तरीके से किये गये उत्खनन को प्रशासन व जनमानस के सामने ला रहा है जिसमें मंगलवार को गोणवाना गणतंत्र पार्टी के पूर्व जिलाध्यक्ष ललन सिंह परस्ते के द्वारा 11 बिन्दुओं की शिकायत सौंपते हुये जल-जंगल-जमीन पर खतरा बन रहे पत्थर माफियाओ पर कार्यवाही की मांग की है। तो वहीं 21 जून को भारतीय जनता पार्टी के जिला महामंत्री हीरा सिंह श्याम के द्वारा कलेक्टर को बायोस्फेयर जोन में स्थित पत्थर खदानों, स्टोन क्रेशर व अन्य प्रदूषण कारक तत्वो को स्थानांतरित करने के साथ ही ग्राम पमरा में संचालित खदान को निरस्त करते हुये बिजौरी क्षेत्र में पर्यटन ग्राम घोषित करने की मांग तक की है। 
ललन सिंह परस्ते ने यह सौंपी शिकायत 
गोणवाना गणतंत्र पार्टी के पूर्व जिलाध्यक्ष ललन सिंह परस्ते के द्वारा मंगलवार 25 जुलाई को कलेक्टर के नाम सौंपे गये शिकायती पत्र में साफ शब्दो में लिखा की पत्थर माफियाओ की मनमानी खनिज विभाग के लापरवाही व भ्रष्टाचार की उच्च स्तरीय जांच की जाये। उन्होंने अपने शिकायत पत्र में लगभग 11 बिन्दु लाये है जिसमें जिले के विभिन्न ग्रामो अंतर्गत चल रही वैध-अवैध पत्थर की खदानो के उत्खनन से होती राजस्व की छति व खनिज विभाग के अधिकारियो के द्वारा नष्ट करायी जा रही खनिज संपदा से होते नुकसान को रोकने की मांग की गई है।
आखिर विभाग को क्यों परहेज
जिले के खनिज विभाग को नामी पत्थर माफियाओ के खदानो की गहराई नापने में क्यों परहेज है यह समझ के परे है क्या नोटिस देकर विभाग अपने जिम्मेदारी से पल्ला झाड सकता है यह तो अब विभाग के प्रमुख सचिव को सोचना होगा। क्योंकि जिले के दूरस्थ अंचल स्थित तरंग, ताली, दोनिया, पमरा, बिजौरी एवं डोंगरियाकला, डोंगरियाखुर्द, बसखली, पैरीचुआ व निगवानी क्षेत्र के साथ पथरौडी में पत्थर खदानो की गहराई अपने आप अतिरिक्त और अन्य क्षेत्रो में अवैध उत्खनन की गवाही दे रही है। वहीं अगर चटुआ की बात की जाये तो नाम मात्र की कार्यवाही कर माफिया राज कायम करने की कारोबारियो को निरीक्षक ने खुली छूट दी है। आर के एक्सपोज़ वन पर्यावरण एवं जल-जीवन पर होते आघात को बचाने की अपनी मुहिम जारी रख प्रशासन के सामने वह हर एक काले कारनामे माफियाओ के सामने लाता रहेगा प्रशासन व विभाग कार्यवाही करे या न करे यह उसका अपना विषय है।
यह लिखा भाजपा महामंत्री ने पत्र
भारतीय जनता पार्टी के जिला महामंत्री हीरा सिंह श्याम के द्वारा 21 जून को कलेक्टर अनूपपुर के नाम लिखे पत्र में कहा कि अमरकंटक अचानक मार्ग वर्ष 2004-05 में वायोस्फेयर जोन घोषित किया गया। जिसके तहत यहां पर स्थापित उद्योग खदानो को पांच वर्ष में स्थानांतरित करना था इसके बावजूद इस प्रतिबंधित रिजर्व क्षेत्र में अत्याधिक क्रेशर व खदानो की शासकीय अनुमति दी गयी जो कि गलत है। वहीं ग्राम पंचातय बिजौरी के ग्राम पमरा में संचालित खदान व भण्डारण को समाप्त करने की मांग करते हुये बताया कि यह क्षेत्र प्राकृति रूप से बहुत ही खूबसूरत स्थल है जिसे भविष्य में पर्यटन के दृष्टि से इसे विकसित किया जा सकता है। क्षेत्र में इंदिरा गांधी राष्ट्रीय जनजाती विश्वविद्यालय स्थापित है जिससे पर्यटक यहां से जुडेंगे और आर्थिक स्थिति भी सुधरेगी। ऐसे में क्रेशर खदान व भंडारण को निरस्त किया जाये।