वर्दी से नहीं डरते रेत चोर माफिया! पहले कप्तान को चुनौती और अब पुलिस के गिरेबां तक पहुंचा हाथ
सजगता से आरक्षक ने बचाई जान, नहीं तो हो सकता था शहडोल जैसा जैतहरी में कांड-विजय उरमलिया की कलम से 

अनूपपुर जिले में रेत चोर माफियाओं के हौसले किस कदर बुलंद हैं यह किसी से छिपा नही,पहले तो कप्तान को कार्यवाही की फोन लगाकर खुली चुनौती देने तक से नही घबराये,अब गिरोह बनाकर पुलिस पर हमला करते हुए अपने मंसूबे साफ कर दिए हैं। ऐसे में यदि यह कहा जाये कि रेत चोर माफियाओं का साफ कहना है कि हम चोरी के साथ सीनाजोरी करेंगे तो कोई अति संयोक्ति नही होगी,मंगलवार की सुबह तकरीबन 10 बजे जिले के थाना जैतहरी क्षेत्र के ग्राम गोधन स्थित तिपान नदी घाट से रेत की चोरी होने की सूचना नगर निरीक्षक प्रकाश चंद्र कोल को मिली, तत्काल कार्यवाही के लिए वह पुलिस की टीम के साथ मौके के लिये रवाना हुये,रेत चोरी के तीनों रास्तों पर अलग-अलग पुलिस टीम गई जहां तिपान नदी के मेन घाट के आगे सुनियोजित तरीके से आरक्षक से वाद-विवाद के बाद ट्रैक्टर को रफ्तार से साथ आगे बढ़ते हुये चढ़ाने का प्रयास किया गया लेकिन आरक्षक सजक था जिसने दूसरी तरफ कूद कर अपनी जान बचाई नहीं तो शहडोल जैसा कांड जैतहरी में दोहरा सकता था। इसी बीच ट्रैक्टर चालक ट्रैक्टर से कूद कर भाग गया और ट्रैक्टर समीपी घर के चबूतरे से जा टकराया बरहाल पुलिस ने रेत चोर माफिया गिरोह के सदस्यों पर आपराधिक मामला पंजीबद्ध करते हुए उनकी तलाश शुरू कर दी है। 
जैतहरी/अनूपपुर |
 मंगलवार की सुबह तकरीबन 10 बजे जिले के थाना जैतहरी क्षेत्र के ग्राम गोधन स्थित तिपान नदी घाट से रेत की चोरी होने की सूचना मिलने पर नगर निरीक्षक प्रकाश चन्द्र कोल कार्यवाही के लिए ग्राम गोधन पुलिस की टीम के साथ पहुंचे, जैसे ही रेत का अवैध उत्खनन कर परिवहन करते तिपान नदी के मेन घाट से आगे आते ट्रैक्टर को पुलिस टीम ने रोका तो रेत चोर माफिया गिरोह का सदस्य सागर राठौर अपने साथियों के साथ वहां पर पहुंच गया जिसके द्वारा सीधे वर्दीधारियों से बहस करते हुए अपने चालक को ट्रैक्टर आगे बढ़ने का आदेश दिया और जब आरक्षक के द्वारा ट्रैक्टर को रोकने का प्रयास किया गया तो सागर राठौर ने साफ कहा कि ट्रैक्टर चढ़ाकर आगे ले जाओ ट्रैक्टर की रफ्तार को देखते हुए आरक्षक ने दूसरी ओर कूद कर अपनी जान बचाई। इसी बीच ट्रैक्टर चालक रफ्तार से बढ़ते ट्रैक्टर से कूदा और भाग गया ऐसे में ट्रैक्टर समीपी घर के सामने बने चबूतरे से टकरा गया, इसके बाद पुलिस ने  रेत का अवैध परिवहन करते ट्रैक्टर को तो पकड़ लिया लेकिन माफिया गिरोह का सदस्य सागर राठौर और ट्रैक्टर चालक वहां से फरार हो गया यहां पर हम आपको यह बता दें कि जैतहरी क्षेत्र में होती रेत की चोरी को रोकने के लिए जनप्रतिनिधियों द्वारा थाने से लेकर एस डी एम एवं पुलिस अधीक्षक व कलेक्टर को कई बार शिकायत की गई। इस बात की जानकारी लगने पर रेत चोर माफियाओं द्वारा शिकायतकर्ताओं को धमकी दी गई जिसकी भी शिकायत हुई शिकायतकर्ता ने सोशल मीडिया पर खुले शब्दों में अपनी जान को खतरा होने की पोस्टें की लेकिन पुलिस ने उसे गंभीरता से नहीं लिया आज खुद पुलिस ने देख लिया कि यह माफिया उनके कार्य में बाधा डालने वाले किसी भी व्यक्ति या फिर खुद पुलिस क्यों ना हो उसकी जान लेने तक कि हिमाकत रखते हैं, यदि जिले में रेत चोर माफियाओं के बढ़ते हौसलों को पस्त नहीं किया गया तो कहीं भी कभी भी कोई अप्रिय घटना घट सकती है फिर इसका जिम्मेदार कौन होगा इसका जवाब तो पुलिस व प्रशासन ही दे सकता है।

नहीं कोई यह पहला मामला

वर्दी धारियों से रेत चोर माफियाओं गिरोह के सदस्यों के द्वारा छीना झपटी करते हुए उन पर हमला करने का यह कोई पहला मामला नहीं है इसके पहले जिले के थाना भालूमाडा में ऐसी घटना दो बार घटित हो चुकी है, इसके बाद भी पुलिस रेत कर माफियाओं पर कड़ी कार्यवाही नहीं कर पाई परिणामतः इनके हौसले इस कदर बुलंद हुए की कोतमा से रेत चोर माफिया अंजनी सिंह गिरोह के एक सदस्य के द्वारा रात में पुलिस कप्तान को फोन लगाकर रेत चोरी करते वाहन को पकड़ने की चुनौती दी गई, जिस पर धारा 151 की कार्यवाही करते हुए पुलिस ने उसे एक दिन के लिए जेल भेजा था अब यह जैतहरी का मामला अपने आप में जिले में रेत चोर माफियाओं के बुलंद हौसलों की कहानी बयां कर रहा है। 

जैतहरी थाना अंतर्गत सक्रिय गिरोह

थाना जैतहरी क्षेत्र  में रेत चोर माफियाओं का गिरोह सक्रिय है, जिसकी शिकायत कई बार जैतहरी पुलिस के अलावा कलेक्टर एवं पुलिस अधीक्षक को जनप्रतिनिधियों द्वारा की गई लेकिन इन माफियाओं पर कार्यवाही नहीं होने से यह दिन रात तिपान नदी का सीना छलनी कर रहे हैं, पुलिस सूत्रों की ही माने तो यहां पर प्रहलाद, उत्तम राठौर,नेमचंद,बुदू,नरेश अपना एक गिरोह बनाकर   तिपान नदी के पोंडईहा घाट से रेत का अवैध उत्खनन व परिवहन करते हैं गौरतलब है की इन रेत चोर माफियाओं के द्वारा पूर्व में रेत का ठेका लेने वाली केजी डेवलपर्स कंपनी के कर्मचारियों के साथ मारपीट करने के साथ वाहन में तोड़फोड़ की गई थी। जिसमें पुलिस ने उत्तम के खिलाफ कार्यवाही की थी समय रहते पुलिस ने इन पर कार्यवाही नहीं की तो शिकायतकर्ताओं के साथ यह कभी भी प्राणघातक हमला कर सकते हैं।

पुलिसिंग व्यवस्था पर खड़े हो रहे सवाल

जिले में रेत चोर माफियाओं के बुलंद हौसले देखकर स्पष्ट होता है कि जिले में पुलिसिंग व्यवस्था नहीं रह गई है और ऐसी पुलिसिंग व्यवस्था के साथ लोकसभा का चुनाव कितनी शांति तरीके से संपन्न होगा यह बात जिम्मेदारों को सोचनी होगी क्योंकि जैतहरी का यह क्षेत्र छत्तीसगढ़ से सटा होने के कारण संवेदनशील माना जाता है और माफियाओं के ऐसे बुलंद हौसले क्या संकेत दे रहे हैं इस बात को समझना होगा। मंगलवार को घटित हुई जैतहरी के गोधन  की घटना ने पुलिस सिंह व्यवस्था पर सवाल खड़े कर दिए हैं यह अलग बात है कि पुलिस बाद में कार्यवाही करें लेकिन जिनके हाथ पुलिस की वर्दी तक पहुंचने लग जाएं वह कोई कमजोर नहीं होंगे यह तो खुद पुलिस को समझना है।