राज्यीय राजमार्ग में संचालित हैं अंग्रेजी शराब की दुकानें-रिपोर्टर @ दीपक कुमार गर्ग
सर्वोच्च न्यायालय के नियमों की उड़ रही धज्जियां

शहडोल - चीफ जस्टिस की अगुवाई वाली पीठ ने 29 जनवरी के अपने आदेश में कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने अपने 20 मार्च 2023 के फैसले में निष्कर्ष निकाला था कि कोई भी शराब की दुकान राष्ट्रीय या राज्यीय राजमार्ग के बाहरी किनारे या सर्विस लेन के 500 मीटर के भीतर स्थित नहीं हो सकती है। लेकिन अमरकंटक - रीवा राजमार्ग ब्यौहारी, बाणसागर पर 500 मीटर की बात तो दूर जिम्मेदारों की नज़रों के नीचे बिल्कुल सड़क के किनारे ही शराब की दुकानें संचालित की जा रही हैं । वही आबकारी विभाग के नियमों में यह पूर्व से ही सुनिश्चित होने के बाद भी आला अफसर नियमों को दरकिनार करने में लगातार सहयोग करते दिखाई दे रहे हैं तभी तों शराब ठेकेदारों को जहां नियमों को मानने पर विवश होना चाहिए वहीं  उनके द्वारा प्रशासन के सहयोग से नियमों को तार तार किया जा रहा है। जब सभी क्षेत्रों में थाना निर्धारित किए गए हैं किन्तु उनके द्वारा भी कार्यवाही के नाम पर सिर्फ कोरम पूरा करने का काम किया जा रहा है सूत्रों से मिली जानकारी अनुसार इन क्षेत्रों में जहां का ठेका हुआ वहां की बात तों ठीक किन्तु इनके द्वारा आस पास के क्षेत्रों में भी पैकारी कराने से पीछे नहीं हट रहे। पैकारी का करोबार बड़े जोरों शोरों से फल फूल रहा है समझ में यह नहीं आता कि स्थानीय प्रशासन कर क्या रही है क्या यह नियम केवल कागजों में ही रह जायेगी या कभी इनका चलन क्षेत्रों में भी देखें जायेंगे।