निगवानी में प्रबंधक और संचालक कर रहा किसानों से छल, वसूल रहे पैसे
उपार्जन केंद्र में धान लाने के बाद किसानों को देने पड़ रहे पैसे
कोतमा। कोतमा ब्लॉक के निगवानी सेक्टर लैंपस अंतर्गत धान उपार्जन केंद्र में प्रबंधक संचालक की तानाशाही रवैया के कारण किसानों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। एक तो उपार्जन केंद्र में ना तो पीने के लिए पानी की कोई सुविधा है और ना ही रात्रि विश्राम के लिए किसानों को किसी प्रकार के रुकने की कोई व्यवस्था की गई है वही व्यवस्था के नाम पर किसानों से तौलाई, सिलाई, और बरदाना में धान भराई के नाम से पैसे वसूले जा रहे हैं। जिससे निगवानी धान उपार्जन केंद्र में किसान अपने आप को छला हुआ महसूस कर रहा है। वही हाल ही में निगवानी प्रबंधक का मामला सामने आया था जहां स्वयं बीपीएल में नाम डलवा कर गरीबी रेखा से गरीबों का खाद्यान्न गरीबों का हिस्सा वह डकार रहे हैं स्वयं ही गरीबी रेखा में नाम लिखवा कर प्रत्येक माह राशन का उठाव कर रहे हैं जो कि नियम एवं कानून के विरुद्ध है। 
किसानों से पैसा उगाही करते वीडियो वायरल
निगवानी केंद्र में किसानों से पैसा वसूलने का वीडियो सोशल मीडिया में कई दिनों से वायरल हो रहा है वायरल वीडियो के अनुसार यह वीडियो निगवानी धान उपार्जन केंद्र का बताया जा रहा है जहां किसानों से बोरी में धान भरवाई सिलाई और मजदूरी के नाम पर क्विंटल के हिसाब से किसानों से रुपयों की मांग की जा रही है अगर माना जाए कि एक क्विंटल पर किसान अगर 7 से 8 रुपए दे रहा है तो उसे धान पर काफी घाटा हो रहा है सूत्रों की माने तो धान उपार्जन केंद्र  निगवानी में जयसवाल की मनमानी का आलम यह है कि बरदाना में धान भराई के नाम पर मजदूरी के लिए 3 रुपए प्रति बोरी किसानों से मांग लिए जा रहे हैं वही सिलाई के नाम पर भी प्रति  क्विंटल 100 रुपये दिए जा रहे हैं। 
निगवानी लैम्पस प्रभारी प्रबंधक बन बैठा बीपीएल कार्ड धारक 
सहकारिता विभाग अनूपपुर के आदिम जाति सेवा सहकारी मर्यादित निगवानी के प्रभारी लैम्पस प्रबंधक नागेंद्र जयसवाल निवासी रेउसा जिनके नए नए कारनामे हो रहे हैं उजागर, अपनी ऊंची पहुंच पकड़ का फायदा उठाते हुए बीपीएल कार्ड धारक बनकर गरीबों के हक छीन उन पर कुठाराघात कर रहे हैं , नागेंद्र जयसवाल वर्तमान प्रभारी लैम्पस प्रबंधक आदिम जाति सेवा सहकारी समिति मर्यादित निगवानी की भर्ती वर्ष 2008-2009 मे हुई थी और वर्ष 2009 से फरवरी 2022 तक सेल्समैन के रूप में कार्यरत होकर शासन की संस्था समिति से एक ओर 8500 रूपये प्रतिमाह वेतन लेकर दूसरी ओर गरीब बनकर ढोंग रच रहे हैं। 
पूर्व सेल्समैन नागेंद्र जयसवाल को मार्च अप्रैल 2022 में संचालक मंडल बोर्ड की समिति निगवानी द्वारा ऐसे कर्मचारी को आँख मूंदकर, सहकारिता विभाग के आदिम जाति सेवा सहकारी समिति मर्यादित निगवानी का प्रभारी लैम्पस प्रबंधक आनन फानन मे बना दिया गया, जिसका वेतन 15 हजार रूपये प्रतिमाह है जो शासन की आँख में धूल झोंककर शासन की योजनाओं का दोहरा लाभ ले रहा है।एक तरफ समिति में लैम्पस की कुर्सी पर विराजमान होकर आज शासन की संस्था से 15 हजार रूपये प्रतिमाह वेतन उठा रहा, दूसरी ओर स्वयं का फिंगर बायोमैट्रिक मशीन पर लगाकर खाद्यान्न प्रतिमाह बारी बारी से उठाता रहा जिम्मेदार अधिकारी इसके करतूतों को जान कर भी अपने चहेते लैम्पस प्रबंधक के कारनामों पर पर्दा डालते रहे। 
मुफ्त राशन योजना को भी निगल गया लैम्पस प्रभारी 
शिवराज की सरकार में जिले में एक से बढ़कर एक नटवर लाल मौजूद ,कहीं अनूपपुर के एक खाद्य अधिकारी को लोकायुक्त की टीम खोज रही है तो वहीं दूसरी ओर कोतमा ब्लाक क्षेत्र में संचालित शासकीय उचित मूल्य दुकान में विराजमान कुछ सेल्समैन व लैम्पस प्रबंधक भ्रष्टाचार में संलिप्त होकर नियम कानून को धता बता रहे हैं, इन दिनों निगवानी के लैम्पस प्रबंधक नागेंद्र जयसवाल कई वर्षों से कथरी ओढ़कर मलाई खा रहा है, कोविड 19 महामारी के वक्त  केंद्र की मोदी सरकार ने दिसंबर 2020 में देश के हर गरीब वर्ग के लिए मुफ्त राशन योजना चालू की थी। किंतु आदिम जाति सेवा सहकारी समिति मर्यादित निगवानी लैम्पस प्रभारी नागेंद्र जयसवाल ने लूट की सभी हदें पार कर शासन की योजनाओं पर पलीता लगाने का काम कर रहा है।