बिना कागजी कार्यवाही पूरी किये रिवाॅल्वर लेकर घूमते रहे विधायक, जिला पुलिस प्रशासन कटघरे में, बना खिलौना
किसी के पास नहीं है सर्वोच्च सत्ता के सवालों का जवाब
इंट्रोः- कोतमा कांग्रेस विधायक सुनील सराफ की 31 दिसंबर की रात की गई मंच से हर्ष फायरिंग अब धीरे-धीरे एक ऐसे मोड़ पर आता जार है जहां पुलिस प्रशासन की बड़ी लापरवाही सामने आ रही है। जो कि इस कदर गंभीर है कि आज किसी के पास कोई जवाब नहीं है। वहीं इस प्रकरण में पुलिस और प्रशासन ने जानबूझकर लापरवाही की या कांग्रेसी विधायक ने उसे खिलौना बनाकर रख दिया यह तो नहीं कहा जा सकता परंतु यह तो तय है कि अगर इस विषय में उच्च स्तरीय जांच हुई तो कई बड़े अधिकारियो के ऊपर गाज गिर सकती है। 
अनूपपुर। कोतमा कांग्रेस विधायक सुनील सराफ के पास कौन सा लाईसेंसी रिवाॅल्वर है कि नहीं लाईसेंस जारी होने के बाद उन्होने किस कंपनी की कौन सा माॅडल खरीदा या सनील सराफ के लाईसेंसी रिवाॅल्वर कितने बोर की है इसकी भी जानकारी नहीं है। यही नहीं पुलिस विभाग के पास कोतमा विधायक के लाईसेंसी रिवाॅल्वर का नंबर तक नहीं है जो अपने आप में अनूपपुर के पुलिस प्रशासन विभाग के लिए मजाक का विषय बना गया है। इस विषय मे ंसुनील सराफ ने सर्वोच्च सत्ता से बातचीत के दौरान कहा कि उन्होनें शस्त्र विभाग और कोतमा थाने में कागजात उपलब्ध कराये थे परंतु रजिस्टर पर क्यों नही चढ़ाया गया यह मेरा काम नहीं जिला प्रशासन और पुलिस का काम है। जबकि इस संबध्ंा में इस बात से इंकार नहीं किया जा सकता कि इस बड़ी लापरवाही के लिए जहां जिले का शस्त्र विभाग जिम्मेदार है वहीं कोतमा थाने की पुलिस की गैर जिम्मेदार रवैया भी सामने आ रहा है। 
शस्त्र विभाग का कोरा रजिस्टर जिम्मेदार कौन
यहां पर यह बता दिया जाये कि जिले भर में हथियारो के लाईसेंस प्रक्रिया एवं उस पर निगरानी करने के लिए जिला कलेक्टर की तरफ से एक बाबू की नियुक्ति होती है और प्रभारी के तौर पर एडीएम रैंक का अधिकारी नियुक्त किया जाता है। वर्तमान में शस्त्र विभाग के प्रभारी एडीएम सरोधन सिंह हैं जिनकी लापरवाही के कारण आज समूचा पुलिास और प्रशासन मजाक विषय बन गया है। यहां पर यह बता दिया जाये कि किसी को लाईसेंस जारी होने के बाद उसे चार महीने का समय दिया जाता है और यह स्पष्ट रूप से कहा जाता है कि इतने समय के अंदर आप अपना हथियार खरीदकर शस्त्र विभाग में पूरी जानकारी के साथ अवगत करायें। यहां पर यह बता दिया जाये कि 04 फरवरी 2022 को गृह विभाग के अवर सचिव मप्र शासन द्वारा एक आदेश जारी किया गया और इस आदेश के बाद सुनील सराफ रिवाॅल्वर खरीदकर शस्त्र विभाग को उसकी पूरी जानकारी कार्यालय को 04 जून 2022 तक शस्त्र देने की शर्त रखी। विधायक सुनील सराफ ने 0.32 बोर की रिवाॅल्वर खरीद तो ली परंतु उसकी कोई भी जानकारी जिला प्रशासन और पुलिस प्रशासन के पास कहीं दर्ज नहीं है। 
कुंभकरणीय नींद से जागा प्रशासन, पुलिस में मची खलबली


कोतमा विधायक के फायरिंग के बाद मचे विवाद के बाद जब सर्वोच्च सत्ता की टीम ने अपनी तरफ से कांग्रेस विधायक के लाईसेंसी रिवाॅल्वर के बारे में जब खोजबीन शुरू की तो पुलिस और प्रशासन यह बताने से इंकार करता रहा कि उनके पास कितने कैलिबर की रिवाॅल्वर है और उस रिवाॅल्वर का कयां नंबर है तो सर्वोच्च सत्ता टीम को लगा कि कहीं न कहीं भारी गड़बड़़ है। जब सर्वोच्च सत्ता टीम ने शस्त्र विभाग से लेकर कोतमा के पुलिस थाने तक मे अपनी पड़ताल शुरू की तो जिसमें यह चैकाने वाला तथ्य सामने आया कि पुलिस विभाग के पास या शस्त्र विभाग ने इस मामले में कहीं न कहीं बहुत बड़ी चूक की है और आज वही चूक उनके लिए भारी पड़ रही है। इस विषय में जब पुलिस विभाग के आला अधिकारी और प्रशासन के प्रभारी के साथ-साथ कोतमा पुलिस के पास अभी भी सर्वोच्च सत्ता के उठाये गये सवालों का कोई जवाब नहीं है। 
प्रशासन से चूक मंगाये जा रहे कागजात-सरोधन सिंह 


इस विषय मे शस्त्र विभाग के प्रभारी एडीएम एवं वर्तमान में कलेक्टर की छुट्टी होने के कारण प्रभारी कलेक्टर सरोधन सिह का कहना है कि इस मामले में शस्त्र विभाग द्वारा चूक हो गई है पर यह चूक लापरवाही है या और कोई कारण इसका तो पता नहीं परंतु यह कहा जा सकता है कि जो भी है उसकी जानकारी होने के बाद अब सारे कागजात मंगाये जा रहे हैं। आने पर उपलब्ध करा दिये जायेंगे। जब उनसे यह कहा गया कि बिना शस्त्र विभाग के रजिस्टर मंे दर्ज और सुनील सराफ के लाईसेंस पर वेपन का नाम औ नंबर दर्ज न होना एक तरह से वह एक अवैध हथियार है और उस पर क्या कार्यवाही की जायेगी इसका जवाब किसी के पास नहीं था। 
प्रशासन की जिम्मेदारी पर कोतमा थाने के सवाल पर मौन 
जिस तरह से शस्त्र विभाग का रजिस्टर होता है उसी तरह से कोतमा थाने के पास भी एक एक शस्त्र रजिस्टर बनाया जाता है। जिसमें थाना अंतर्गत लाईसेंस हथियारधारियों का पूरा विवरण दर्ज होता है जिसमें हथियार का नाम, माॅडल, नंबर और किस दुकान से कहां से खरीदा गया उसकी जानकारी। कोतमा थाने के रजिस्टर में भी ऐसी कोई जानकारी है कि नहीं परंतु इस विषय पर दो दिन के अंदर दर्जनों बार बात करने के बावजूद भी कोतमा थाना प्रभारी कोई जवाब नहीं दे रहे  हैं। वह ये कह रहे हैं कि थाने में पूरी जानकारी है पर मुंशी के न होने के कारण अभी नहीं बताई जा सकती। इस विषय में जब पुलिस कप्तान से बात की गयी तो उनका कहना था कि इसकी जिम्मेदारी प्रशासन की है परंतु जब उनसे कोतमा थाने की लापरवाही के बारे मे ंबताया गया तो उन्होने कहा कि मैं इसकी जांच करा के पूरी जानकारी उपलब्ध कराता हूं। 
विधायक के पास है 0.32 बोर का रिवाॅल्वर
फायरिंग के बाद वायरल हो रहे वीडियो में जिस रिवाॅल्वर से फायरिंग का आरोप लगाया जा रहा है उसके बारे में सर्वोच्च सत्ता के पास जो जानकारी है वह यह है कि यह 0.32 बोर की रिवाॅल्वर है। यह कम दूरी तक मार करने वाला हथियार है जिसे स्वयं तोड़कर चेंबर में मौजूद फायरिंग के बाद खोखे को निकालना पड़ता है। वहीं कोतमा टीआई का कहना है कि इनके पास प्रहार का 32 बारे का रिवाॅल्वर है। फिलहाल जो भी है वह अपने आप में फायरिंग से ज्यादा चर्चा का विषय बना हुआ है।