कुसुम बैगा को मिला संबल योजना का बल, जीविकोपार्जन का बना सहारा
शहडोल। ग्राम बरूका की 45 वर्षीय कुसुम बैगा के ऊपर उस समय दुखों का पहाड़ टूट पडा जब उनके पति चिप्पू बैगा का बीमारी के कारण  स्वर्गवास हो गया, कुसुम के एक बेटी और एक बेटा है बेटा अभी 12 साल का है तथा बेटी का व्याह हो जाने से वह अपने ससुराल में है। कुसुम बैगा के पास 65 डिसमिल के लगभग भूमि है जो खेती योग्य नही है। पति की मृत्यु के बाद  कमाई का जरिया नही होने से  उसे आगे की चिंता सताने लगी, गांव के पंचायत सचिव एवं रोजगार सहायक ने कुसुम का विधवा पेंशन स्वीकृत कराकर लाभान्वित कराया साथ ही उसे उज्जवला योजना से निःशुल्क गैस दिलवाई। बैगा मुखिया से एक हजार रूपये प्रतिमाह पोषण आहार की सुविधा के साथ उसके पति संबल योजना हितग्राही होने के कारण दो लाख रूपये की आर्थिक सहायता राशि भी उपलब्ध कराई। कुसुम को 35 किलो खाद्यान्न एवं 10 किलो निरूशुल्क राशन भी उपलब्ध हो रहा है। संबल योजना से राशि प्राप्त होने पर कुसुम बैगा की आगे की चिंता कम हुई है उसका कहना है कि शासन की इन योजनाओं की सहायता से अब मेरा जीविकोपर्जन किसी तरह से  हो सकेगा। उसने प्रदेश सरकार की इन योजनाओं से लाभान्वित होने पर धन्यवाद देते हुए कहा कि इन योजनाओं का लाभ अन्य पात्र हितग्राहियों को लेना चाहिए। प्रदेश सरकार की ये कल्याणकारी योजनाए गरीबों के जीवन का सहारा बन चुकी है।