तो क्या कांग्रेस जिलाध्यक्ष गणेश मंदिर ट्रस्ट के नाम पर की आस्था की लूट, फैला रहे है भ्रम.?
आखिर ऐसा क्या हुआ कि कांग्रेस जिलाध्यक्ष बौखलाहट में जारी की प्रेस विज्ञप्ति
इंट्रोः- मामला है बुढार रोड स्थित हिंदू आस्था के केंद्र भगवान गणेश मंदिर का जहां कुछ तथाकथित व्यक्तियों द्वारा कथित ट्रस्ट का निर्माण कर लगातार कई वर्षों से दान पेटी की राशि का हिसाब न देना व लगातार लोगों की धार्मिक आस्था का खिलवाड़ करते आना कूटरचना करना जैसे अपराध गतिविधियों की शिकायत के बाद अनुविभागीय अधिकारी व लोक न्यास पंजियक सोहागपुर शहडोल द्वारा विधिवत जांच कर तथाकथित टेस्ट के पंजीयन हेतु आवेदन सहित तथाकथित ट्रस्ट को भंग कर दिया है।
शहडोल। विगत दिन पूर्व गणेश मंदिर के नाम पर तथाकथित ट्रस्ट का अध्यक्ष बताते हुए सुभाष गुप्ता नामक व्यक्ति ने कांग्रेस पार्टी को आधार बनाते हुए पार्टी के ही प्रवक्ता द्वारा सोशल मीडिया के माध्यम से एक प्रेस रिलीज जारी की और कहा कि मंदिर ट्रस्ट की जमीन संकट में है और कतिपय लोगों ने प्रशासन से सांठगांठ कर जमीन भी हथिया ली और ट्रस्ट को भंग भी करा दिया है।इस विषय पर प्रश्न उठता है कि आखिर वह इतने शक्तिशाली लोग कौन हैं जो जमीन भी हासिल कर लेते हैं और प्रशासन से सांठगांठ कर कथित ट्रस्ट को भी भंग भी करा देते हैं विज्ञप्ति में नाम ना होने के कारण बात अपने आप में संदेहास्पद है एवं झूठी प्रतीत होती है।
क्या है उक्त विषय की वर्तमान स्थिति
प्राप्त साक्ष्य दस्तावेजों के अनुसार तथाकथित ट्रस्ट की धर्म व कानूनी विरोधी गतिविधियों को देखते हुए स्थानीय व्यक्ति द्वारा सूचना के अधिकार के तहत जानकारी संबंधित विभाग से मांगी जिसमें प्रकरण क्रमांक सूचना का अधिकार 2021ध् 512 मैं स्पष्ट किया कि गणेश मंदिर चैरिटेबल ट्रस्ट अस्तित्व में नहीं है और ना ही किसी भी प्रकार का पंजीयन प्रमाण पत्र संलग्न है इस विषय को लेकर विधिवत स्थानीय कलेक्टर सहित पुलिस विभाग में शिकायत की गई और इसी आधार पर माननीय उच्च न्यायालय में रिट पिटिशन 26228/2021 दाखिल की गई जिसमें जबलपुर उच्च न्यायालय के चीफ जस्टिस ने स्थानी कलेक्टर को दिनांक 1 दिसंबर 2021 को उक्त विषय की जांच कर कार्रवाई करने का निर्देश दिया गया जिसके आधार पर स्थानीय अनुविभागीय व लोक पंजीयक अधिकारी ने विधिवत जांच कर पंजीयन आवेदन सहित तथाकथित ट्रस्ट को तत्काल प्रभाव से भंग कर दिया व स्थानीय प्रशासन में मंदिर की तत्कालीन व्यवस्था हेतु तहसीलदार सुहागपुर की अध्यक्षता में एवं अनुविभागीय अधिकारी लोक निर्माण विभाग, थाना कोतवाली शहडोल, राजस्व निरीक्षक सुहागपुर नंबर 1 की सदस्यता में कार्यकारी समिति मंदिर व्यवस्था हेतु गठित कर दी गई एवं इस आदेश की सूचना कलेक्टर एवं जिला दंडाधिकारी शहडोल पुलिस अधीक्षक शहडोल पालनार्थ संबंधित अधिकारी एवं शिकायत कर्ता को दी गई। इसी कार्यवाही से तथाकथित ट्रस्ट के संचालनकर्ता के ऊपर भय व्याप्त हो गया क्योंकि इतने वर्षों से कथित ट्रस्ट तो चला रहे थे मगर मंदिर में आने वाली चठौत्री, दान, गुप्त दान सहित मंदिर रखी पेटी में आने वाले पैसों का हिसाब न रखने कथित ट्रस्ट के संचालन सहित धार्मिक आस्था में चोट गबन व कूट रचना जैसी आपराधिक मामलें दर्ज होने  से कैसे बचा जाए इसी भय से भयभीत हो तथाकथित ट्रस्ट के अध्यक्ष व नेता जी ने अपना पूरा जो लगाते हुए जबलपुर उच्च न्यायालय में स्वयं ही रीट रिप्रेशन 3877/2022 दाखिल कर दी जिसमें वर्तमान स्थिति में स्टे है और निर्णय प्रतीक्षा में है। 
क्या कानून संविधान के उपर नेता जी को भरोसा नहीं है.?
कथित ट्रस्ट के अध्यक्ष व नेताजी इतने भड भडाएं क्यों हैं? क्या कानून संविधान के उपर नेता जी को भरोसा नहीं है? क्या भविष्य अपने ऊपर होने वाली कार्रवाई से डर रहे हैं इसलिए जनता का समर्थन प्राप्त करना चाहते हैं? क्या मामला किसी और जुगाड़ का है?देखना यह है कि जब मामला न्यायालय में विचाराधीन है स्टे लगा हुआ है उसके बाद भी संबंधित विषय को लेकर धार्मिक भावनाओं के साथ खेलने वाले, आमजन मानस में भ्रम फैलाने वाले व्यक्तियों पर स्थानीय प्रशासन क्या कार्यवाही करता है।