ऐशोसिएट आनर्स को अठारह करोड़ में हुआ जिले की रेत खदानों का ठेका,अब आधे दर पर सहजता से मिल सकेगी रेत
अमन शेट्टी ग्रुप ने जिले के नागरिकों को किया ठगने का काम,अब सब हो जाएं सावधान

वैसे तो जिले की सोन नदी की रेत को सोने के भाव बेचने में रेत माफियाओं ने कोई कोर कसर बाकी नहीं छोड़ी,रही सही कसर अक्टूबर माह में रेत का ठेका प्रारंभ करने वाले अमन शेट्टी ग्रुप के कारिंदों ने रेत के चौगुने दाम वसूलकर पूरी की, फिर एक सोची समझी रणनीति के कारण अल्प समय में ही रेत का ठेका अमन सेठी ग्रुप के द्वारा सरेंडर कर दिया गया,इसके बाद रेत चोर माफियाओं ने कमान संभाली और उससे भी बढ़ी दर नागरिकों से वसूल की, पसला रेत स्टॉक से रेत मिलने की सूचना पर नागरिकों ने सोचा कि कुछ राहत मिलेगी,लेकिन स्टॉक से महाकाल कंपनी ने और भी बढ़ी हुई दर पर रेत बेंची,मरता क्या न करता की तर्ज पर निर्माण कार्य प्रारंभ रखने वाले नागरिकों ने रेत खरीद कर कार्य जारी रखा। लेकिन अब जिले के नागरिकों को महंगी मिलने वाली रेत से राहत मिल सकती है,सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार ऐशोसिएट आनर्स को जिले की रेत खदानों का ठेका 18 करोड़ में हुआ है, जबकि इसके पहले अमन शेट्टी ग्रुप की कंपनी ने यही ठेका 35 करोड रुपए  लिया था यानी कि रेत के ठेके की कीमत आधी हो गई है तो स्वाभाविक है कि अब जिले के नागरिकों को आधे दर पर रेत मिल सकेगी,यह जिले के नागरिकों को समझना होगा तब जाकर आसमान छूते रेत के भाव को काम किया जा सकेगा अन्यथा रेत का ठेका लेने वाली यह कंपनियां किसी का घरौंदा नहीं बनने देंगी।
अनूपपुर। रेत नीति में रेत की दर का निर्धारण शासन के द्वारा न कर ठेकेदार को दर का निर्धारण करने की छूट देना प्रदेश वासियों को लूटने की छूट देने जैसा है,आदिवासी बाहुल्य अनूपपुर जिले में निवास रात लोगों के जीवन स्तर को उठाने के लिए एक और सरकार अपने आप को संकल्प बढ़ बताती है तो दूसरी ओर सरकार की इस प्रकार की नीति से लोगों को कहां राहत मिलते दिखाई दे रही है यह बात आम नागरिकों को समझना होगा अन्यथा सरकार इन ठेकेदारों को सामने कर आम जन सामान्य को और भी पीछे की पंक्ति में खड़ा करने की योजनाएं बनाती रहेगी यह बात अनूपपुर जिले में इसलिए करनी पड़ रही है क्योंकि प्रचुर मात्रा में उपलब्ध खनिज रेत के भाव साल 2018 में लागू की गई खनिज रेत नीति के बाद से आसमान में पहुंच गए, जबकि इसके पहले अनूपपुर जिले की संपूर्ण रेत खदाने अधिकतम 4 करोड़ के अंदर चलती थीं उन्हीं रेत खदानों का ठेका 14 करोड रुपए में केजी डेवलपर्स ने साल 2018 में लिया जिसके बाद से रेत की कीमतें किस कदर बढ़ीं थी इससे कोई भी आम नागरिक अपरिचित नहीं है । उसके बाद साल 2023 में अमन शेट्टी ग्रुप के द्वारा 35 करोड रुपए मैं ठेका लिया गया फिर रेत के भाव आसमान पर पहुंचाना स्वाभाविक था जानकार सूत्रों की माने तो अमन शेट्टी ग्रुप ऑफ कंपनी के द्वारा ठेका लेने के बाद अक्टूबर माह में कार्य प्रारंभ करते ही अनूपपुर जिले में लगभग ग्यारह सौ रुपये प्रति घन मीटर की दर से रेत बेची गई जहां लोगों को एक डग्गी रेत लगभग 5500 में मिलती थी। रणनीति के तहत अल्प समय में ही कार्य सरेंडर कर सूत्र बताते हैं कि इस कंपनी के द्वारा सिंडिकेट बनाकर लगभग 18 करोड़ में ठेका लिया गया है ऐसे में अब रेत के दाम क्या होंगे इसको समझना होगा।

सिंडिकेट का क्या है फंडा?

खनिज विभाग के सूत्रों की माने तो अमन ग्रुप ऑफ कंपनी के द्वारा सरेंडर करने के बाद जिन 6 फार्मो ने टेंडर में हिस्सा लिया उनमें से पांच के द्वारा एक सिंडिकेट बनाया गया,इसे इस प्रकार समझा जा सकता है कि 6 ठेकेदार और टेंडर में कुल 8 लाख की महज बढ़त जबकि टेंडर की न्यूनतम राशि 17 करोड़ 50 लख रुपए थी। यहां आम नागरिकों को अब यदि सस्ते दामो में रेत नही मिलती तो किस प्रकार यह सिंडिकेट बनाकर जिले के आम नागरिकों को रेत बेचकर लूटेंगे हर एक व्यक्ति समझ सकता है। क्योंकि टेंडर में हिस्सा लेने वाले यह वही लोग हैं जिन्होंने इसके पहले अक्टूबर 2023 में जिले की रेत खदानों से रेत का उत्खनन कर बेचने का काम किया था।