धोखा ही धोखा मिलेगा ना ले जिले के नर्सिंग कॉलेजों में प्रवेश पैसे के साथ भविष्य होगा बर्बाद
सीबीआई जांच के कारण कभी भी लग सकता है ताला
इन्ट्रो-जिले भर में इस समय फर्जी नर्सिंग कॉलेज को लेकर सीबीआई टीम की छापे पर छापे की चल रही कार्यवाही के दौरान एक बात तो यह स्पष्ट हो गई है कि जिले के नर्सिंग कॉलेजों में से कोई भी नर्सिंग कॉलेज शान द्वारा तय मापदंडों को पूरा करके नहीं संचालित हो रहा है। क्योंकि यह जांच हाई कोर्ट के निर्देश पर हो रही है अतः यहां के फर्जी नर्सिंग कॉलेज पर गाज गिरनी तय है इसलिए जिले की जनता को अपने बच्चों का इन नर्सिंग कॉलेज में प्रवेश कराने से पहले लाख बार सोच समझ के प्रवेश कराये क्योंकि इससे आपका पैसा और आपके बच्चों का भविष्य दोनों बर्बाद ही होगा।
(राम भैय्या)
अनूपपुर।
 वैसे तो अनूपपुर जिले में एक दर्जन से ज्यादा नर्सिंग कॉलेज संचालित हो रहे हैं जिनमें से अधिकतर नर्सिंग कॉलेज केवल कागज पर संचालित हो रहे हैं यही नहीं इन नर्सिंग कॉलेजो के पीछे ग्वालियर का एक शिक्षा माफिया का का नाम सामने आ रहा है और यह ग्वालियर का गंगवार अनूपपुर शहडोल सहित कई जिलों में अपनी गैंग के दम पर उक्त फर्जीवाड़ा कर रहा है। अब जब हाई कोर्ट के निर्देश पर सीबीआई ने जांच शुरू कर दी है तो उक्त नर्सिंग कॉलेज के पीछे खड़े माफियाओं में भगदड़ मची हुई है और अपने-अपने कॉलेज की मान्यता रद्द होने से बचाने के लिए तरह-तरह के कई काले कारनामें अंजाम दे रहे हैं। लेकिन यह भी तय है कि सीबीआई और हाईकोर्ट में इनकी हर काली करतूत का पर्दाफाश होना भी तय है। फिलहाल बात अगर अनूपपुर क ी की जाए तो यहां पर संचालित हो रहे सभी नर्सिंग कॉलेज सीबीआई की जांच के घेरे में है और जैसे ही सीबीआई अपनी जांच रिपोर्ट पूरी करके हाई कोर्ट में पेश करेगी इनके गड़बड़ झाला का खुलासा होते ही इनकी नर्सिंग कॉलेज की मान्यता रद्द हो सकती है इस संभावना को ध्यान में रखते हुए अनूपपुर जिले के जागरूक जनता को अपने बच्चों को जिले के नर्सिंग कॉलेज में प्रवेश कराने से बचे क्योंकि इससे आपका पैसा तो बर्बाद होगा ही बच्चों का भविष्य भी बर्बाद हो सकता है।
संजीवनी से मिल रही फर्जी नर्सिंग कॉलेज को संजीवनी ]

 


नर्सिंग कॉलेज संचालित करने के लिए सबसे प्रमुख शर्त होती है नर्सिंग कॉलेज के छात्रों के प्रशिक्षण को लेकर यहां पर यह भी बता दिया जाए कि प्रशिक्षण उसी अस्पताल में ही मान्य है जिस अस्पताल के पास मरीज को भर्ती करने के लिए कम से कम 50 बेड की क्षमता हो लेकिन संजीवनी अस्पताल में ज्यादा से ज्यादा 20 बेड की व्यवस्था है एक अस्पताल एक ही नर्सिंग कॉलेज को प्रशिक्षण दे सकता है लेकिन जिले का यह अनोखा संजीवनी अस्पताल सारे फर्जी नर्सिंग कॉलेज का प्रशिक्षण केंद्र है यही कारण है कि संजीवनी अस्पताल में भी सीबीआई का जांच दल पहुंच चुका है और यहां पर सीबीआई को इसके अलावा नर्सिंग कॉलेज के छात्रों को प्रशिक्षण देने वाले योग्य चिकित्सकों का भी अभाव है इस कॉलेज के बॉर्डर पर तो भले ही बड़े-बड़े डॉक्टर का नाम लिखा है लेकिन यह डॉक्टर इस अस्पताल में कभी-कभी आते हैं अब आप इसे खुद सोच सकते हैं कि जिन नर्सिंग कॉलेज की चका चैध देखकर आप अपने बच्चों के सुनहरे भविष्य का सपना बन रहे हैं वह क्या ऐसे फर्जीवाड़ा वाले नर्सिंग कॉलेज और संजीवनी जैसे अस्पताल के कारण कभी पूरा हो पाएगा वही अभी तय है कि जिले के सभी नर्सिंग कॉलेज पर कभी भी हाईकोर्ट बंद करने का आदेश जारी कर सकती है ऐसे में आपका पैसा और आपके बच्चों का भविष्य दोनों बर्बाद होगा यही कारण है कि विशेषज्ञों की राय है कि अपने बच्चों का अनूपपुर के नर्सिंग कॉलेज में प्रवेश करने से बचे ।
फर्जी एडमिशन और छात्रवृत्ति घोटाला की भी हो जांच
नर्सिंग कॉलेज के धंधे से जुड़े सूत्रों का कहना है कि ग्वालियर से आए हुए शिक्षा माफियाओं द्वारा शहडोल संभाग में जिस तरह से फर्जी नर्सिंग कॉलेज का मकर जल फैलाया गया है उसके पीछे मुख्य रूप से नाम से एडमिशन करके छात्रवृति की राशि को हड़पने का मुख्य चक्कर है। यही कारण है कि 500 से ज्यादा किलोमीटर दूर जाकर शिक्षा माफियाओं ने आदिवासी अंचल में इस खेल को खेल रहे हैं। सूत्रों का दावा है कि बिल्डिंग और संसाधन की जांच के साथ-साथ यहां पर अध्यनरत छात्रों का भी जांच हो तो एक और बड़ा घोटाला सामने आ सकता है फिलहाल इस विषय में कुछ लोगों ने सीबीआई टीम के साथ-साथ हाई कोर्ट में दाखिल याचिका करने वाले से भी संपर्क में है और उनका दावा है कि सीबीआई रिपोर्ट के बाद जैसे ही हाईकोर्ट में सुनवाई शुरू होगी उस समय हाई कोर्ट का ध्यान इस मुख्य बिंदु की ओर भी आकर्षित किया जाएगा।