चंद पैसों के लिये पार्टी की भद्द पिटवाने पर तुले कोतमा विधायक -- होटल मालिक ने लगाए गंभीर आरोप
कांग्रेस को मुफ्तखोरी ही पसंद है -- मनोज द्विवेदी

कोतमा/  अनूपपुर/ 13 मई को कर्नाटक में कांग्रेस  ऐतिहासिक जीत की खुमारी उतर भी नहीं पाई थी कि कोतमा के कांग्रेसी विधायक पर  मुफ्तखोरी के लगे आरोप ने मध्यप्रदेश मे पार्टी की जमकर किरकिरी करवा दी। एक होटल संचालक ने कोतमा विधायक पर आरोप लगाया है कि उन्होंने उसके होटल में 70 कार्यकर्ताओं को खाना खिलवाया और जब उसका पैसा मांगा तो गाली गलौच करते हुए धमकाने लगे। भुगतान को लेकर पीड़ित ने पार्टी के उच्च नेताओं के पास संभवतः शिकायत भी की है।
पार्टी के वरिष्ठ राष्ट्रीय नेता और मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह पिछले दिनों एक दिन के प्रवास पर अनूपपुर जिले में थे । इसी दिन अनूपपुर- कोतमा मार्ग मे स्थित एक ढाबे के मालिक ने कोतमा विधायक  पर भोजन के बिल का भुगतान ना करने और पैसे मांगने पर धमकाने का आरोप लगाते हुए सोशल मीडिया में पोस्ट शेयर कर दिया। सोशल मीडिया में विधायक के नाम का कोई जिक्र नहीं किया गया है । जाहिर है कि चुनावी मोड पर खड़ी कांग्रेस के लिये यह  प्रदेश में मुंह छुपाने वाली घटना बन गयी है।

घटना संज्ञान में लाए जाने पर भारत विकास परिषद के पूर्व अध्यक्ष एवं वरिष्ठ भाजपा नेता मनोज द्विवेदी ने कहा कि आपकी खबर से घटना की जानकारी मुझे भी हुई है‌ । यदि यह घटना सच  है तो दुर्भाग्यपूर्ण और दुखद है। लेकिन आश्चर्य बिल्कुल भी नहीं हुआ । क्योंकि यह कांग्रेस का आचरण ही है। वर्षों से अलग - अलग राज्यों में मुफ्तखोरी को बढावा देना इनकी फितरत है। इनके नेता 2018 मे पहले मध्यप्रदेश की जनता को प्रलोभन देकर वायदों से पलट गये और कर्नाटक की विजय में भी मतदाताओं को धोखा देना इनकी नीयत है। वरिष्ठ नेताओं का आचरण यदि जिला औए विधानसभा स्तर के नेताओं में दिख रहा हो तो इसमें आश्चर्य कैसा। जनता प्रबुद्ध है ,वह स्वत: ऐसी घटनाओं की सच्चाई समझ जाती है।
दरअसल अनूपपुर -- कोतमा रोड में  संचालित होटल ग्रीन ननका ढाबा के संचालक ने राष्ट्र रक्षक हिन्दू ग्रुप और फेसबुक में एक पोस्ट के माध्यम से आरोप लगाया है कि मैं सीनू पसला ढाबा चलाता हूँ । कल बीती रात कोतमा विधायक जो अपने आप को बहुत बड़ा लोगों का हितैषी बताता है , एक तो मेरे ढाबा में आता है मुझसे बोलता है कि 70 लोगों को खाना खिलवाना है । जब मैं खाना खिलवाता हूँ ,  जो कि मेरा धर्म है , मेरा काम है  । खाना खाने के बाद ऊपर से पैसा नही दिया और अपनी विधायकी बताके मेरे नौकरों को बोलता है कि कौन है तेरा मालिक ?  तेरा होटल बंद करवा दूंगा और माँ बहन की गालियां दे के चला गया । अब आप सोचिये अगर कोतमा विधायक की औकात लोगों को खाना खिला पाने की नही थी तो क्यों खाना खिलाया ? 
सोशल मीडिया में यह आरोप लगते ही मीडिया में विधायक के आचरण की चर्चा होने लगी। विश्वस्त सूत्रों के अनुसार कोतमा के एक अन्य किसी दिग्गज नेता की सह पर होटल संचालक दिग्विजय सिंह के कार्यक्रम में उनसे मिलने अनूपपुर चला गया और वहाँ उनसे मिल कर कांग्रेस नेताओं की इस मुफ्तखोरी और दी गयी धमकी की शिकायत की है। पार्टी के सूत्र बतलाते हैं कि  दिग्विजय सिंह इस घटना से अपसेट दिखे और संभवतः कोतमा विधायक को जमकर फटकार भी लगाई। बतलाया गया है कि  दिग्विजय सिंह के कार्यक्रम में कोतमा से अनूपपुर आने के दौरान विधायक ने इस घटना को अंजाम दिया था।
घटना हाईलाईट होते ही ढाबा मालिक काफी डर गया है। उसे चिंता है कि विधायक कोतमा सरकारी तंत्र और कोतमा नगर पालिका के माध्यम से कहीं उसके ढाबे और घर के विरुद्ध कोई कार्यवाही ना करवा दे। जब हमने सीनू से बात करने की कोशिश की तो उसका मोबाइल बंद था। विधायक का पक्ष भी हम जानने की कोशिश कर रहे हैं। लेकिन समाचार लिखे जाने तक उनसे हमारा कोई संपर्क नहीं हो सका है।
जाहिर है कि यदि किसी छोटे स्तर के ढाबा में चार - पांच लोग भी मुफ्त का भोजन कर लें तो बेचारे होटल मालिक की एक दिन की कमाई चली जाती है। 70 -75 लोगों को फोकट में धौंस दे कर , गाली गलौच करके खाना खिलवाना किसी विधायक के लिये मामूली काम होगा। किसी छोटे व्यवसाई के लिये तो बड़ा नुकसान ही है।
दूसरा ! जब कांग्रेस पार्टी 2023 चुनाव की तैयारी में जुटी हो और उसके शीर्ष नेता भीषण गर्मी में पसीना बहा रहे हों तो कांग्रेस कार्यकर्ताओं और कोतमा विधायक की मुफ्तखोरी की यह घटना समाज को गलत संदेश दे रही है। कांग्रेस के राजा साहब के विधायक और उनकी प्रजा पर  मुफ्तखोरी के लगे आरोपों से प्रदेश में कांग्रेस की जमकर किरकिरी हुई है। देखना है कि कोतमा विधायक के इस दुराचरण के विरुद्ध कांग्रेस का शीर्ष नेतृत्व का कार्यवाही करता है।