सत्यमेव जयते
*21वां शिकार पड़ा भारी, महिला के जेल जाने की तैयारी। 14 साल छोटी बनकर सीधी में रच रही थी मायाजाल*
 3 राज्यों में 20 व्यक्तियों के विरुद्ध झूठे मामले दर्ज करवाने वाली महिला की पोल परत दर परत खुलने लगी है 21 वे व्यक्ति के तौर पर सूबेदार भागवत पांडे को चुनना महिला को भारी पड़ने वाला है क्योंकि महिला द्वारा लिखाई गई झूठी f.i.r. में माननीय उच्च न्यायालय जबलपुर ने संज्ञान ले लिया है और सूबेदार भागवत पांडे पर लगाए गए पूरे मामले मे तत्काल पुलिस को कार्यवाही रोकने के आदेश दे दिए साथ थी महिला की कुंडली भी खंगाली जा रही है जिसके बाद महिला का जेल जाना तय है।
कई बारआत्महत्या का प्रयास कर डराया बात करने पर करती थी मजबूर। 

*झूठे आरोपों पर हाईकोर्ट ने लगाई रोक पुलिस को तुरंत कार्यवाही रोकने के दिए आदेश।*
माननीय उच्च न्यायालय के पुराने आदेश के तहत सीधी पुलिस पूरे मामले की छानबीन कर रही थी जिसके बाद जालसाज महिला द्वारा रीवा जाकर जीरो पर मामला दर्ज करवा लिया गया। जैसे ही रीवा मामला दर्ज हुआ सूबेदार ने माननीय उच्च न्यायालय की शरण ले ली माननीय उच्च न्यायालय ने जब महिला का पुराना रिकॉर्ड देखा और सूबेदार द्वारा दिसंबर 2020 से लगातार इस महिला के विरुद्ध 6 शिकायतें होने के बावजूद भी इस पर कोई कार्यवाही नहीं होना पाया तो उच्च न्यायालय ने तुरंत इस मामले को संदिग्ध पाते हुए f.i.r. समेत पूरी जांच प्रक्रिया पर रोक लगा दी अब मामला माननीय उच्च न्यायालय के संज्ञान में है ।
*हर एफ आई आर मे अलग होती है जन्मतिथि और पहचान जज साहब देखकर हुए हैरान।*
महिलाओं के प्रति होने वाले अत्याचारों को लेकर माननीय सर्वोच्च न्यायालय ने महिलाओं के हक में विशेष व्यवस्था दी है लेकिन कुछ ऐसी जालसाज महिलाएं हैं जो सच में पीड़ित महिलाओं के अधिकारों को खाने में लगी है। इस तरह की जालसाज  महिलाओं के कारण पीड़ित महिलाओं को भी न्याय पाने में बड़ी मुश्किलों का सामना करना पड़ता है माननीय उच्च न्यायालय में मामले की सुनवाई के दौरान जज साहब भी उस वक्त चौक गए जब जालसाज महिला का पुराना रिकॉर्ड काला चिट्ठा उनके सामने खोला गया महिला ने बनारस में 12 व्यक्तियों के विरुद्ध दर्ज कराए गए प्रकरण में अपनी जन्मतिथि 1997 बताई है जबकि भदोही विधायक और 6 अन्य व्यक्तियों पर दुष्कर्म के झूठे आरोप मढने का प्रयास करने वाली इस महिला ने अपनी जन्मतिथि 1985 बताई ।चौंकाने वाली बात ये है कि उसमें उसने जो पहचान पत्र दिया उस पहचान पत्र के अनुसार महिला का जन्म वर्ष 1981है। महिला के संबंध में नए-नए चौंकाने वाले तथ्य लगातार सामने आते रहते हैं इसी बीच बनारस का एक और मामला सामने आया है जिसमें बहुजन समाज पार्टी के बड़े नेता के साथ मिलकर अति गरीबी का राशन कार्ड बनवा कर माननीय काशीराम योजना के तहत इस महिला द्वारा आवास भी प्राप्त किया गया था और खास बात यह है कि बाद मे अपने ऊपर उपकार करने वाले इस बसपा नेता के विरुद्ध भी महिला द्वारा झूठी शिकायत दर्ज कराने का प्रयास किया गया और मोटी रकम लेकर समझौता करने की बात जन सामान्य द्वारा की जा रही महिला इतनी जालसाजी में परिपक्व हो चुकी है कि उसे पुलिस से भी बिल्कुल डर नहीं लगता भाजपा शासनकाल में भाजपा विधायक और बहुजन समाज पार्टी के कार्यकाल में बहुजन समाज पार्टी के वरिष्ठ नेता को फसाने वाली महिला के हौसले कितने बुलंद होंगे इस बात का अंदाजा सहज ही लगाया जा सकता है
*पुलिस अधिकारी 3 साल से कर रहे शिकायत,महिला पर कोई भी कार्यवाही नहीं कर पाई पुलिस*
   करोना काल में लोगों की मदद करने वाले पुलिस अधिकारी को टारगेट बनाकर जालसाज महिला द्वारा पहले तो लोगों की मदद करने की पेशकश की गई और बाद में धीरे-धीरे पुलिस अधिकारी के प्यार में पागल होने की बात कहकर उनके पीछे पडने की बात सामने आई पुलिस अधिकारी द्वारा उक्त महिला को ब्लॉक करने के बाद महिला थाने में ही धरने पर बैठ गई और खुद पर पेट्रोल डालकर आग लगाने की बात कहने लगी इसके बाद महिला की मानसिक स्थिति सही ना होने की बात समझ में आने पर पुलिस के अधिकारियों के हाथ पांव फूलने लगे और किसी तरह उसे मना कर वहां से चलता किया इसके बाद से उक्त महिला की पागलपन वाली बातें चलती रही और पुलिस उस महिला का सच जानने का प्रयास करती रही पर 3 साल बाद बड़ी मुश्किल से उक्त महिला के खिलाफ सबूत मिलने पर पुलिस अधिकारी द्वारा जब मामला दर्ज कराने का प्रयास किया गया तो महिला को इस बात की भनक लग गई और उसने पहले ही जाकर झूठा मुकदमा दर्ज करवा दिया इसके बाद अब उच्च न्यायालय ने पूरे मामले को ही रोकते हुए मामले को संज्ञान में ले लिया।