अंततः सरगुजा संभाग के आतंक आदमखोर  बाघ को किया गया रेस्क्यू, घायल था, बेहोश करके पिंजरे में रखा गया

स्थानीय लोगों व वन अधिकारियों ने ली राहत की सांस

 

सूरजपुर । आखिरकार आदमखोर घायल बाघ को पकड लिया गया है । डाक्टरों ने पहले जांच की और फिर बाघ को पिंजरे मे डाल दिया गया। बाघ के पकड़े जाने के बाद आम लोगों व वन अधिकारियों ने राहत की सांस ली है। पिछले 24 घंटे से इस बाघ के हमले से क्षेत्र में दहशत का माहौल बना हुआ था। हालांकि यह बाघ भी बुरी तरह घायल था और एक ही जगह पड़ा हुआ था। डाक्टर बाघ के जख्मों की जांच कर रहे हैं। उसके बाद इलाज कहां और कैसे होगा ,उसकी योजना बनाई जाएगी।

वन विभाग के अधिकारियों की टीम बाघ के रेस्क्यू के लिए बड़े सवेरे से ही सक्रिय थी। सीसीएफ अंबिकापुर के साथ डीएफओ व रेंजर्स हर काम पर नजर रख रहे थे। बाघ के कुछ पास तक पिंजरे के साथ टीम को पहुंचाने के लिए जेसीबी लगाकर आने – जाने का रास्ता भी तैयार किया गया। पहले ट्रैंक्यूलाइज्ड कर बाघ को बेहोश किया गया। डाक्टरों ने उसकी प्राथमिक जांच की और फिर पिंजरे में कैद कर लिया गया।वन विभाग के अधिकारीयों ने नाम ना छापने की शर्त पर बताया की यह वही आदमखोर बाघ है जिसने एकदम महीने पहले मनेन्द्रगढ़ के जंगलो मे एकदम आदमी को मार डाला था और उसके बाद कोरिया जिला सूरजपुर जिला और बलरामपुर जिले मे घूम घूमकर कई गाँवो मे मवेशीयों का शिकार किया था और कई लोगों को घायल कर दिया था.

सूरजपुर जिले के ओड़गी क्षेत्र में कल सोमवार सवेरे 6 बजे इस बाघ ने कालामांजन गांव के जंगल में तीन लोगों पर हमला किया था। इस हमले में दो युवकों की मौत हो गई थी। एक गंभीर रूप से घायल युवक सूरजपुर के अस्पताल में भर्ती हैं। अपने बचाव में हमले के समय इन युवकों ने बाघ पर टांगियों से वार किया था।इससे  बाघ के सिर पर गहरे जख्म देखे गए हैं। वन विभाग के अधिकारियों के अनुसार जब तक बाघ की अच्छी तरह जांच नहीं कर ली जाती तब तक कुछ कह पाना मुश्किल है कि बाघ की हालत कितनी गंभीर है। करीब 24 घंटे तक कोई बाघ एक ही जगह पड़ा रहे, ऐसा आम तौर पर होता नहीं है  इससे अंदाजा लगाया जा रहा है कि आदमखोर बाघ कितने गंभीर रूप से घायल हुआ है ।