रट्टू तोते की तरह मोदी की गारंटी का राग अलाप रहे भाजपाइयों के पास नहीं है सवालों का जवाब
सोशल मीडिया पर हिमाद्री के काम पर मांगा जा रहा जबाब
इन्ट्रो-लोकसभा चुनाव को लेकर जहां भाजपा और कांग्रेस आमने-सामने है वही अभी तक चुनाव के जंग में उत्साह का रंग नहीं चढ़ पा रहा है इसके पीछे भले ही कई कारण है लेकिन जनता में इस बात की चर्चा है कि एक तरफ जीत की गारंटी है तो दूसरी तरफ कार्यकर्ता संगठन की मजबूती का अभाव है।
(राम भैय्या)
अनूपपुर।
 लोकसभा चुनाव के दौरान चाय पान की दुकानों से लेकर गली और चैबारों तक में तो चर्चा चल ही रही थी लेकिन अब आम जनता सोशल मीडिया के माध्यम से भी यह सवाल खड़ा कर रही है कि भाजपा सांसद का कोई एक काम तो बताओ जिसके कारण उसे वोट दिया जा सके। फिलहाल अगर यह सवाल कोई कांग्रेसी नेता करता तो उससे उतनी गंभीरता से नहीं ली जाती लेकिन यह सवाल बिजुरी क्षेत्र के एक युवा की है जो बीजेपी या कांग्रेस की राजनीतिक गतिविधियों से दूर रहकर रोजी-रोटी की तलाश में जुटा हुआ है। फिलहाल ऐसे सवाल तो अब खुलेआम भाजपाइयों से भी पूछा जाने लगा है लेकिन भाजपाइयों को इन सवालों से परहेज होता जा रहा है यही कारण है कि वह अब रट्टू तोता की तरह केवल जीत के लिए मोदी की गारंटी ही काफी का राग अलाप रहे हैं जो जनता में इस समय चर्चा का विषय बना हुआ है। फिलहाल यहां पर हार जीत का मतलब नहीं है लेकिन सवाल तो खड़ा हो ही रहा है और जब सवाल जनता करने लगे तो समझ लेना चाहिए कि सही जवाब न पाने पर जनता के हाथ में जो ताकत है उसका उपयोग करेगी और फिर सारे अरमान खोखले दावे धरे के धरे रह जाएंगे इस बात में कोई दो राय नहीं है।
जनता अपना दुख दर्द सुनाने जनप्रतिनिधि के पास ही जाती है
शहडोल संसदीय क्षेत्र के भाजपा के नेताओं के द्वारा बार-बार मोदी के नाम के जीत की गारंटी बताकर हिमाद्री सिंह के लिए वोट मांगना सही कहा जा सकता है लेकिन जनता के इस सवाल का भी जवाब देना होगा कि आज जब मोदी के नाम पर वोट मांगा जा रहा है तो जब उनके या उनके क्षेत्र पर कोई संकट या दुख दर्द आएगा तो वह किसके पास जाएंगे। फिलहाल जनता के इस सवाल का जबाब देने से बच रहे भाजपा नेताओं के पास बस मोदी के नाम का बहाना है और इसी नाम का उपयोग करके वह भले ही हिमाद्री सिंह को एक बार फिर से दिल्ली भेजने में सफल हो जाए लेकिन यह तय है कि अब जब जनता के बीच सवाल पर सवाल खड़े होने लगे हैं तो जीत की यह राह आसान नहीं लगती।
वैसे यहां भी सब कुछ हवा हवाई
फिलहाल शहडोल संसदीय क्षेत्र में कार्यकर्ताओं की लाखों की फौज घर घर गांव गांव पहुंच रखने के बावजूद भारतीय जनता पार्टी का चुनावी अभियान अभी तक हवा हवाई ही माना जा रहा है। जिसके पीछे का मुख्य कारण यही है कि बीते विधानसभा चुनाव के दौरान विधानसभा के भाजपा प्रत्याशियों के चुनाव अभियान से दूर होकर सांसद प्रत्याशी ने जिस तरह से दिल्ली में जाकर डेरा जमा दिया था इस तरह से भाजपा के बड़े नेता भी बैठकों में तो मौजूद देखे जा रहे हैं लेकिन अभी तक किसी भी बड़े नेता ने जनता के बीच अकेले उतरकर चुनाव प्रचार नहीं किया है। फिलहाल इसका कितना असर पड़ेगा यह तो आने वाला समय बताएगा लेकिन जिस तरह से मध्य प्रदेश में रिकॉर्ड बनाने की बात की जा रही है वह किसी के गले के नीचे नहीं उतर रही है। भाजपा के ही एक जिम्मेदार नेता का कहना था कि सब कुछ मोदी के दम पर है ।